थाईलैंड एशिया का पहला देश बन गया है जिसने गांजा पीने और घर में उसकी खेती करने को कानूनी मंजूरी दे दी है। थाईलैंड के लोग अब गांजा न केवल पी सकेंगे बल्कि उसे सब्जी की तरह से उगा सकेंगे। थाई सरकार ने गांजा को प्रतिबंधित ड्रग्स की सूची से हटा दिया है। थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री अनूतिन चार्नविराकूल ने इसका ऐलान करते हुए जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना पूरे देश में गांजा के 10 लाख बीजों को भेजने की है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वे थाईलैंड को एक ‘वीड वंडरलैंड’ के रूप में विकसित करना चाहते हैं। अब नए नियम के तहत थाईलैंड के लोगों को मेडिकल आधार पर गांजा पैदा करने, खाने और बेचने की अनुमति दी गई है। हालांकि शौकिया गांजा पीना अभी भी तकनीकी रूप से प्रतिबंधित है। यही नहीं, सरकार ने गांजा के टीएचसी लेवल पर प्रतिबंध लगाए हैं जिन्हें बेचा जाना है। इसका मकसद पीने वालों को नशा करने से रोकने और उसका इस्तेमाल केवल दर्द से राहत के लिए किया गया है।
अर्थव्यवस्था कोरोना की मार से आई मंदी से निकल सकेगी
वहीं गांजा का समर्थन करने वालों का कहना है कि इस कदम से यह प्रॉडक्ट अपराध नहीं रह जाएगा। थाईलैंड की सरकार को उम्मीद है कि गांजा की फसल से उसे जमकर कमाई होगी और अर्थव्यवस्था कोरोना की मार से आई मंदी से निकल सकेगी। गांजा से बनी मिठाई बेचने वाले चोकवान किट्टी चोपका कहते हैं कि कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था पतन की ओर चली गई है, हम वास्तव में इसकी जरूरत है।’
थाईलैंड में कुछ लोगों ने गांजा पीने को मंजूरी मिलने पर जमकर जश्न मनाया। उन्होंने कैफे जाकर मारिजुआना खरीदा जिसे गांजे के पौधे के उन हिस्सों से बनाया जाता है जिसमें नशा की क्षमता कम होती है। ये लोग बैंकाक के हाइलैंड कैफे पहुंचे जहां उन्होंने सूगरकेन, बबलगम, पर्पल अफगानी और यूएफओ के नाम से गांजे से बनी चीजों को खरीदा। गांजा खरीदने के लिए सबसे पहले पहुंचे रिटीपोंग बाचकूल ने कहा, ‘मैं अब चिल्लाकर कह सकता हूं कि मैं एक गांजा पीने वाला हूं। मुझे यह छिपाने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे पहले इसे अवैध ड्रग्स माना जाता था।’
-एजेंसियां
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