tourism in agra

शौरीपुर, अग्रवन, गुरुद्वारा माईथान, गुरु का ताल, नूरी दरवाजा, शहीद स्मारक, होलीपुरा के बारे में भी पर्यटकों को बताइए

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Agra, Uttar Pradesh, India. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के विभाग प्रचारक आनंद जी का कहना है कि आगरा में सिर्फ ताजमहल ही नहीं है। आगरा में शौरीपुर, अग्रवन, गुरुद्वारा माईथान, गुरुद्वारा गुरु का ताल, नूरी दरवाजा, शहीद स्मारक, होलीपुरा भी है। इनके बारे में भी पर्यटकों को बताइए। वे एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम आगरा कार्यालय, भारत सरकार) और आगरा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित आगरा पर्यटन एवं विरासत प्रबंधन विकास कार्यक्रम (प्रशिक्षण) के समापन समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम सात दिन तक संस्कृति भवन में चला। इस दौरान आनंद जी और  मुख्य अतिथि एवं डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए।

 

आनंद जी ने कहा की आगरा पर्यटन क्षेत्र में कार्य करने वाले गाइड, फोटोग्राफर, ट्रेवल प्लानर को जनपद में आने वाले पर्यटक को सही जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने आगरा के ऐतिहासिक नाम एवं  स्थलों जैसे शौरीपुर, अग्रवन, गुरु गोविन्द सिंह जी का माईथान प्रवास, गुरु तेग बहादुर सिंह  जी का गुरु का ताल गुरुद्वारा प्रवास, शहीद भगत सिंह जी का नूरी दरवाजा पर रहना, क्रूर अंग्रेजों द्वारा संजय प्लेस  स्थित शहीद स्मारक वाली जगह पर क्रांतिकारियों को एक साथ फांसी,  राम प्रसाद बिस्मिल का होलीपुरा प्रवास और महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आगरा से राधास्वामी मत का उदय हुआ है। आंवलखेड़ा आचार्य श्रीराम शर्मा की जन्मभूमि है।

 

उन्होंने कहा विश्व के कई छोटे-छोटे देशों जैसे इजराइल, नीदरलैंड, मालदीव की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा महत्त्व है। पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थल में  पर्यटन एक मुख्य व्यवसाय है। स्वामी विवेकांनद द्वारा 39 वर्ष की आयु में भारत को विश्व पटल सुशोभित करना, शंकराचार्य द्वारा 32 वर्ष की आयु में चार पीठ की स्थापना करना, तथागत बुद्ध के सन्देश आदि से प्रेरणा लेकर युवाशक्ति भारत को ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।

anand ji
एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम आगरा कार्यालय, भारत सरकार) और आगरा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित आगरा पर्यटन एवं विरासत प्रबंधन विकास कार्यक्रम (प्रशिक्षण) के समापन समारोह को संबोधित करते अतिथि।

आनंद जी ने बताया कि भारत का इतिहास प्राचीन है जिसकी पहचान जावा, सुमात्रा, इराक तक मिलती है। अप्पो दीपो भव: के भाव से स्वयं की आत्मा को प्रकाशित कर सकते हैं। मनुष्य बहुत महान एवं परिश्रमी होता है। पहाड़ काटकर रास्ता बनाने वाले साधारण व्यक्ति दशरथ मांझी भी बड़े बने। जिज्ञासु बनिए। अपने आसपास के स्थलों की  जानकारी के साथ नदियों, खानपान, ब्रज की लोककलाओं, गॉव की संस्कृति आदि से पर्यटकों को अवगत कराएँगे तो आगरा में पर्यटकों का प्रवास बढ़ेगा। आगरा का पर्यटन उद्योग ऊंचाइयां प्राप्त करेगा।

 

डॉ. भीमराव विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि सही जानकारियां बताकर पर्यटकों का विश्वास जीत सकते हैं। पर्यटन उद्योग क्षेत्र में यह आपके आसपास की अधिक जानकारी हो, जिसे विदेशी पर्यटक विशेषकर सुनना और जानना चाहते हैं। सकारात्मक रहें, अपने व्यवसाय में व्यक्तिगत परेशानियों को न आने दें।

 

सहायक निदेशक ग्रेड 1 डॉ. मुकेश शर्मा (आईईएस) ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों  का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि  एमएसएमई विकास कार्यालय आगरा द्वारा इस प्रकार का यह पहला प्रशिक्षण है जो  आगरा पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत एवं इच्छुक प्रोफेशनल को बेहतर जानकारी प्रदान कर उनके कार्य को आगरा पर्यटन हित  में उत्तम बना सकते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आगरा के संदर्भ में ताजमहल, किला सहित आगरा के साहित्यकार,  स्वत्रंतता  सेनानियों, चम्बल सफारी, कीठम झील, सूरकुटी, ग्रामीण क्षेत्र का पर्यटन, आगरा का इतिहास से संबंधित जानकारियां प्रदान की गईं।

 

डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के डीन प्रबंधन प्रो. लवकुश मिश्रा ने बताया कि महिलाएं नवाचार के अंतर्गत कुछ कर सकती हैं, जैसे देश-विदेश से आने वाली महिलाओं के लिए अलग से टूर पैकेज स्थापित करना, उनके लिए टैक्सी सर्विस उपलब्ध कराना, विशेष होटल उपलब्ध कराना आदि। साथ ही उन्होंने स्थानीय खानपान को पर्यटकों के समक्ष रखने पर जोर दिया। पर्यटक स्थानीय खानपान को पसंद करता है। ज्ञान और सूचनाओं का संग्रह कर उनका सही प्रयोग करें। दुनिया में देवता और राक्षसी प्रवृत्ति दोनों होती हैं, जिस प्रकार दिन और रात होते हैं। उन्होंने बिट्टू टिक्की वाले उद्यमी तुलसी यादव  का उदाहरण देकर बात समझाई।

 

संयुक्त निदेशक एमएसएमई विकास कार्यालय आगरा टी आर शर्मा  ने बताया कि बाहर के देशों में खाने पीने की वैरायटी कम है या उनके यहां फास्ट फूड अधिक है। अपनी परंपरागत मिठाइयों को भी पर्यटकों के बीच में बढ़ाएं, उनकी जानकारी दें। फाइव स्टार में भी हट बनाकर ग्रामीण प्रभाव दिया जा सकता है। विदेशी भाषा सीखें। पर्यटकों की भाषा में बात करके उनको यहां की खेती खलिहान  के बारे में भी बता सकते हैं। हर समय कुछ कुछ नया सीखने की ललक रहनी चाहिए।

 

कार्यक्रम में क्लस्टर विकास अधिकारी सुशील कुमार यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अजय वर्मा, रोहताश कुमार, इशिता मित्तल, मानव अग्रवाल, डॉली आदि का  विशेष सहयोग रहा।

Dr. Bhanu Pratap Singh