टाटा मोटर्स और फोर्ड के बीच गुजरात के सानंद स्थित फोर्ड इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट को लेकर लंबे समय से चल रही डील आखिरकार फाइनल हो गई है और टाटा मोटर्स ईवी सब्सिडरी ने यह मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट करीब 726 करोड़ रुपये में खरीद ली है। सितंबर 2021 में अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड मोटर्स के इंडिया छोड़ने के करीब एक साल बाद इस डील को मंजूरी मिलने की खबर आई है। सानंद में टाटा की एक और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है, जहां टाटा नैनो का प्रोडक्शन होता था और यह प्लांट ठीक फोर्ड प्लांट के सामने हैं।
फोर्ड के कर्मचारियों को टाटा देगी नौकरी
यहां बताना जरूरी है कि फोर्ड इंडिया के डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट करीब 23000 कर्मचारी हैं। टाटा मोटर्स ने सानंद स्थित फोर्ड मैन्यूफैक्टरिंग प्लांट में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को नौकरी देने की बात कही है, जो कि टाटा की दरियादिली है और इससे लाखों लोगों को फायदा होगा।
टाटा मोटर्स ने फोर्ड के प्लांट को खरीदने के बाद राज्य सरकार से लैंड ट्रांसफर रेट में छूट देने की गुजारिश की है। टाटा मोटर्स ने जंत्री रेट के 20 फीसदी, यानी 66 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव रखा है। गुजरात सरकार ने टाटा मोटर्स की गुजारिशें मान ली हैं।
इन प्लांट में टाटा की इलेक्ट्रिक कारें तैयार होंगी
आपको बता दें कि साल 2011 में फोर्ड ने करीब 8000 करोड़ रुपये निवेश कर सानंद में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की स्थापना की थी। करीब 10 साल के दौरान इंडियन मार्केट में 2 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलने के बाद आखिरकार सितंबर में फोर्ड ने भारत छोड़ने का फैसला किया और फिर फोर्ड की सारी कारों का प्रोडक्शन भी रुक गया। पिछले महीने की आखिर में सानंद प्लांट से फोर्ड इकोस्पोर्ट की आखिरी यूनिट निकली और इसके कुछेक दिन बाद टाटा ने इस प्लांट को खरीद लिया।
सानंद प्लांट में हर साल 3 लाख से लेकर 4.2 लाख कारों का प्रोडक्शन हो सकता है। अब यहां टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (TPEML) अपनी इलेक्ट्रिक वीइकल्स का प्रोडक्शन करेगी।
-एजेंसी
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