dr bhanu pratap singh journalist

‘जिसे विश्व पटल पर होना चाहिए वह आगरा की सड़कों पर चप्पलें घिस रहा’, जी हां, यह कहानी आगरा के साहित्यकार रमेश अधीर की है

22 साल की आयु में 1978 में लिखा उपन्यास ‘मुझे मर जाने दो’ 2017 में प्रकाशित हो सका रोचक है इसकी कहानी, लगता है रमेश अधीर की है प्रेम कहानी, लेखनी न बेची तो गरीब ही रहे डॉ. भानु प्रताप सिंह Live Story Time Agra, Uttar Pradesh, India. साहित्यकार श्री रमेश अधीर पिछले दिनों एक […]

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Ramesh adheer books

मां, मृत्यु, ठाँव और छाँव, छलांग, खारी नदी, संवेदना का पतझड़, बोलता अग्रोहा और कवि रमेश अधीर

डॉ. भानु प्रताप सिंह Live Story Time आगरा के कवि, लेखक, कथाकार, नाटककार, उपन्यासकार रमेश अधीर पिछले दिनों मेरे आवास पर आए और कई पुस्तकें भेंट कीं। इनमें मुख्य रूप से  मां, मृत्यु, ठाँव और छाँव, छलांग, खारी नदी, संवेदना का पतझड़, बोलता अग्रोहा का उल्लेख करना चाहूँगा। एक से बढ़कर एक पुस्तकें हैं। बोलता […]

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डॉ. भानु प्रताप सिंह आगरा पत्रकार

महाराजा अग्रसेन का असली जीवन जानना है तो रमेश अधीर का ऐतिहासिक महाकाव्य ‘अग्रपथी’ पढ़िए

डॉ. भानु प्रताप सिंह Live Story Time Agra, Uttar Pradesh, India. क्या आप रमेश चन्द अग्रवाल ‘अधीर’ को जानते हैं। अरे वही रमेश अधीर। कवि रमेश अधीर। कविता लिखना कोई बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात है अर्थपूर्ण कविता लिखना। विद्वानों को मानसिक खुराक देना। ऐसा लिख जाना जो संदर्भ ग्रंथ बन सके। यही तो […]

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