भारत का एक ऐसा कुंड जहां ताली बजाने से ऊपर उठने लगता है पानी, रहस्‍य आज भी है अनसुलझा – Up18 News

भारत का एक ऐसा कुंड जहां ताली बजाने से ऊपर उठने लगता है पानी, रहस्‍य आज भी है अनसुलझा

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कुदरत की बनाई दुनिया में हजारों राज छिपे हैं। इनके बारे में आज तक कोई नहीं जान सका और न ही कोई इन्‍हें सुलझा पाया। फिर चाहे वह कोई मंदिर हो, मस्जिद हो या फिर कोई पर्यटक स्‍थल। आज हम आपको एक ऐसे ही कुंड के बारे में बता रहे हैं, जिनके रहस्‍य आज भी अनसुलझे हैं।

यह कुंड झारखंड के बोकारो शहर से 27 किमी दूर स्थित है। जिसे दलाही कुंड के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि आप ताल के सामने ताली बजाएंगे, तो इसका पानी खुद ब खुद ऊपर उठने लगेगा। देखकर ऐसा लगता है मानो किसी बर्तन में पानी उबल रहा हो।

कई बार वैज्ञानिकों ने तक यह गुत्थी सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन कामयाबी नहीं मिली इसलिए यह कुंड आज तक एक राज ही है। इसी चमत्‍कार के कारण लोग दूर-दूर से इस कुंड की महिमा देखने आते हैं। तो आइए जानते हैं इस दलाही कुंड के बारे में। 

मौसम के विपरीत बदलता है पानी

इस कुंड की खास बात यह है कि इस कुंड का पानी मौसम के विपरीत बदलता है। गर्मियों के मौसम में कुंड का पानी ठंडा और सर्दियों में गर्म रहता है। माना जाता है कि इस कुंड के पानी में नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। इस बारे में भू वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके पानी से अगर चर्म रोग दूर हो जाता है तो इसका मतलब है कि इसमें सल्फर और हीलियम गैस है।

हर साल लगता है मेला

यह कुंड भारत के मशहूर कुंड में से एक है। यहां हर साल मकर संक्रांति पर बहुत बड़ा मेला लगता है। दूर-दूर से लोग यहां स्‍नान करने आते हैं। यह रहस्‍यमय कुंड देवता दलाही गोसाई का पूजा स्‍थल है। यहां लोग हर रविवार को पूजा करते हैं।

कुंड में नहाने से मन्नत होती है पूरी

दलाही कुंड के प्रति लोगों की बहुत आस्‍था है। लोग जानते हैं कि इस कुंड में नहाने भर से सभी मन्नतें पूरी होती हैं इसलिए देशभर से लोग यहां स्‍नान करने आते हैं। बता दें कि इस कुंड का पानी साफ और औषधीय गुणों से भरपूर है इसलिए इस पानी के नहाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

कहां से आता है ये पानी

अब तक इस कुंड में कई रिसर्च की गई हैं, लेकिन पता नहीं चल पाया कि इस कुंड का पानी कहां से आता है और आखिर कहां जाता है। कुछ रिसर्चर्स के अनुसार यह पानी जमुई नाम के एक नाले से होता हुआ गर्गा नदी में जाता है। यहां का पानी बहुत नीचे होता है। ज्‍यादा नीचे होने के कारण ताली बजाने पर ध्‍वनि तरंगें उत्‍पन्‍न होती हैं। ध्‍वनि तरंगों से होने वाले कंपन के कारण पानी ऊपर की ओर उठता है। जिस वजह से पानी ऊपर की ओर उठने लगता है। इस कुंड के आसपास अब कंक्रीट की दीवारें बना दी गई हैं। यहां रहने वाले लोग आज भी इस जगह को आस्‍था की नजर से देखते हैं। उनके अनुसार यहां के कुंड में स्‍नान करने से जीवन की हर मुश्किल आसान हो जाती है।

Dr. Bhanu Pratap Singh