आज अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस है। इसके बारे में जानने से पहले हमें यह जानना आवश्यक है की प्रवासी का अर्थ क्या है ? एक देश के निवासी दूसरे देश में जाकर वहां रोजगार या व्यापार करते हैं तो वह व्यक्ति उस देश के लिए प्रवासी व्यक्ति कहलाता है। प्रवासी व्यक्तियों के माध्यम से उस देश की आर्थिक व संबंधों के साथ गुणवत्ता का भी योगदान देते हैं क्योंकि वह अपने क्षेत्र के श्रम के माध्यम से उस देश की उन्नति में भागीदारी निभाता है। आज विश्व में भारत ही प्रथम वरीयता में आता है जिसके नागरिक पूरे विश्व में अपने श्रम से, बौद्धिक क्षमता से और शैक्षिक योग्यता के बल पर कठिन से कठिन परिस्थितियों में उस देश में ना केवल काम करके अपने रोजगार के साधन उपलब्ध करता है बल्कि उस देश की तरक्की का सहायक बनता है। इस कड़ी में दूसरा नाम चीन का आता है|
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर 1990 को सभी प्रवासी नागरिकों के अधिकार और उनके परिवार के सदस्यों को संरक्षण देने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। तदोपरांत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसंबर 2000 को संपूर्ण विश्व में बढ़ते हुए प्रवासियों की संख्या को देखते हुए 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाने की घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के सम्मेलन में प्रवासी कामगारों और उनके परिवार के सदस्यों के अधिकार और सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र ने हर साल सरकारों, संगठनों और इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों को आमंत्रित किया ताकि प्रवासी कामगार से जुड़े लोग आजादी के साथ उनके काम और मानव अधिकार जैसे मुद्दों पर विचार साझा की जाती हैं ताकि उन्हें सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें आगे काम करने के लिए योजना तैयार की जा सके।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने हाल में ही वर्ष २०१३ में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की चुनौतियों का सामना करने व अधिकार को मजबूत करने और निर्वाधित विकास में योगदान हेतु वैश्विक समझौते का अंतिम प्रारूप तैयार किया है| ऐसा पहली बार हुआ है कि अंतरराष्ट्रीय प्रवास के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश एकत्रित हुए हालांकि प्रत्येक हजार लोगों में 10 मानव तस्करों के दुर्व्यवहार और शोषण का सामना कर रहे हैं।
वर्ष 2016 में प्रथम उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा आयोजित किया गया। प्रवासी भारतीय दिवस भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व बैंक ने हाल में ही माइग्रेशन एंड रेमिटेंस नाम की एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार अपने देश में विदेशी मुद्रा भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी सबसे आगे रहे| रिपोर्ट के अनुसार भारतीय प्रवासियों ने वर्ष 2018 में 80 अरब डॉलर भारत भेजे। दूसरे नंबर पर चीन के प्रवासियों ने 67 अरब डालर भेजे| भारत और चीन के बाद मैक्सिको, फिलीपींस और मिस्र का स्थान है। कहने का तात्पर्य है कि हमारे भारतीय नागरिक प्रवासी नागरिक बनकर ना केवल उन देश की आर्थिक स्थिति को अपने श्रम से मजबूत कर रहे हैं बल्कि विदेशों से वहां पर अर्जित किए हुए धन को भारत भेज कर भारत सरकार को भी आर्थिक सहयोग प्रदान कर रहे हैं|
राजीव गुप्ता जनस्नेही
लोकस्वर आगरा
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