सुप्रीम कोर्ट से हिंदू पक्ष को झटका, शाही ईदगाह मस्जिद को श्रीकृष्ण मंदिर बनाने की मांग वाली याचिका खारिज

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद स्थल को कृष्ण जन्मभूमि के रूप में मान्यता देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकील महक महेश्वरी की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि हम दिए गए फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हैं।

मथुरा के शाही ईदगाह को मंदिर घोषित करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस फैसले से किसी भी कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के किसी भी पक्ष के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष दायर अपनी याचिका में माहेश्वरी ने मांग की थी कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 की धारा 2, 3 और 4 को असंवैधानिक घोषित किया जाए और तर्क दिया था कि 1991 के कानून द्वारा लगाई गई रोक जन्मभूमि मामले में लागू नहीं होगी। भूमि हमेशा से मंदिर की रही है।

माहेश्वरी ने दिया था ये तर्क

माहेश्वरी ने तर्क दिया था कि विभिन्न ऐतिहासिक रिकॉर्ड इस तथ्य का हवाला देते हैं कि विवादित स्थल, शाही ईदगाह मस्जिद, भगवान कृष्ण का वास्तविक जन्मस्थान है और यहां तक कि मथुरा का इतिहास रामायण युग का है जबकि इस्लाम सिर्फ 1,500 साल पहले आया।

हाईकोर्ट ने बीते साल अक्टूबर में खारिज की थी याचिका

हाई कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। उस समय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा था: “चूंकि वर्तमान रिट (पीआईएल) में शामिल मुद्दे पहले से ही उचित कार्यवाही (यानी, लंबित मुकदमों) में अदालत का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, इसलिए हम रिट याचिका पर विचार नहीं कर सकते, इसे खारिज किया जाता है।

एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh