Sawan 2023 : नागपंचमी (Nagpanchami) का पावन पर्व 21 अगस्त को है। पंचमी तिथि का प्रारंभ रविवार 20 अगस्त को रात 12 बजकर 24 मिनट से शुरू हो रहा है। चंडीगढ़ सेक्टर-30 स्थित श्री महाकाली मंदिर (Shree Mahakali Temple, Chandigarh Sector-30) के भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख बीरेंद्र नारायण मिश्रा (Birendra Narayan Mishra, head of Bhrigu Astrology Center) ने बताया कि यह अगले दिन 21 अगस्त की रात 1 बजे तक रहेगा। 18 अगस्त को शुक्र का उदय हो रहा है। नागपंचमी (Nagpanchami) का पर्व सोमवार के दिन और अधिकमास के बाद आ रहा है। ऐसा संयोग 24 साल बाद बन रहा है।
उन्होंने कहा कि 21 अगस्त को सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर सिंह , लग्न, कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में सूर्योदय होगा। इस दिन बुध आदित्य योग बन रहा है। यह योग सभी के लिए फल देने वाला है। बीरेंद्र नारायण (Birendra Narayan ) कहा कि जिसकी कुंडली में सर्प दोष के कारण घर में कलह, संतान उत्पति में बाधा और बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण परेशानी हो उसे इस दिन भगवान शिव को कुशा के जल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसे में सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। संतान उत्पति में बाधा होने पर गाय के दूध से भगवान का अभिषेक करें। जिसकी कुंडली में कालसर्प योग हो वह व्यक्ति को चांदी, तांबे और लोहे के बने 108 सर्प को भगवान शिव पर चढ़ाएं।
राहु काल में न करें पूजा
देवालय पूजक परिषद के अध्यक्ष (President of Devalaya Pujakar Parishad) और सेक्टर-18 के श्री राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी डॉ. लाल बहादुर दुबे (Dr. Lal Bahadur Dubey, priest of Shri Radha Krishna Temple, Sector-18) ने बताया कि सोमवार सुबह 7 बजकर 30 मिनट से लेकर नौ बजे तक राहु काल है। इस काल में पूजन करना वर्जित है। उन्होंने बताया कि सर्प भगवान शिव का आभूषण है। सोमवार भगवान शिव का प्रिय दिन है। इसलिए इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
चंद्रमा की होरा में करें नाग पूजन
सेक्टर-28 स्थित खेड़ा शिव मंदिर (Kheda Shiv Temple Located in Sector-28) के पुजारी आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री (Priest Acharya Ishwar Chandra Shastri) ने बताया कि 21 अगस्त को सूर्योदय व्यापिनी पंचमी तिथि पूरे दिन रहेगी। प्रातः सूर्योदय के बाद 5 बजकर 57 बजे से 6 बजकर 57 बजे तक चंद्रमा की होरा में नाग पूजन करना शुभ होगा। उन्होंने कहा कि जिनकी जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है या कोई राहु और केतु से पीड़ित है तो वो जातक रुद्राभिषेक के साथ नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाएं। नाग गायत्री का जप करें।
शुद्ध श्रावण मास आज से, मांगलिक कार्य होंगे शुरू
पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) में मांगलिक कार्य निषेध होते हैं। 16 अगस्त को अमावस्या के साथ ही अधिक मास समाप्त हो गया। 17 अगस्त से शुद्ध श्रावण मास प्रारंभ हो गया है। इसी के साथ मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाएंगे। त्योहारों का सिलसिला भी शुरू होगा।
सेक्टर-28 स्थित खेड़ा शिव मंदिर (Kheda Shiv Temple Located in Sector-28) के पुजारी आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री (Priest Acharya Ishwar Chandra Shastri) ने बताया कि हरियाली तीज 19 अगस्त, नाग पंचमी 21 अगस्त, गोस्वामी तुलसीदास जयंती 23 अगस्त और रक्षाबंधन त्योहार 31 अगस्त को सूर्य उदय व्यापिनी पूर्णिमा में मनाया जाएगा। श्रावण मास में शिव जी की आराधना करना, सोमवार का व्रत करना, रुद्राभिषेक करना, महामृत्युंजय का अनुष्ठान करना, शिवपुराण की कथा श्रवण करना, ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करना, महारुद्र यज्ञ करना आदि शुभ कृत्य विशेष फलदायी होते हैं।
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