नियमित टीकाकरण में अब निमोनिया की वैक्सीन भी शामिल

नियमित टीकाकरण में अब निमोनिया की वैक्सीन भी शामिल

HEALTH REGIONAL

Hathras (Uttar Pradesh, India)। हाथरस सहित प्रदेश के 56 जिलों में निमोनिया की वैक्सीन (न्यूमोकोकल काँजुगेट) सरकारी नियमित टीकाकरण में शामिल होने जा रही है। इसके लिए शासन की ओर से अगस्त की आठ तारीख तय की गयी है। नियमित टीकाकरण में इस वैक्सीन को शामिल किये जाने का बहुत दिनों से इंतजार था। इससे पहले प्रदेश के 19 जिलों में यह वैक्सीन लग रही है।  इस तरह अब इस वैक्सीन की सुविधा अगले माह से प्रदेश के सभी जिलों में मिलनी शुरू हो जाएगी।

महानिदेशक परिवार कल्याण मिथिलेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में सभी 56 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नियमित टीकाकरण के चौथे अभियान में इसे शामिल किये जाने के संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि इसे मार्च माह में लांच किया जाना था, लेकिन कोविड-19 संक्रमण और लॉकडाउन के कारण स्थगित कर दिया गया था। अब इसे आठ अगस्त 2020 से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। बाजार में इसकी कीमत काफी अधिक है, इस लिए यह आम आदमी की पहुंच से बाहर थी। सरकार इसे निशुल्क उपलब्ध कराएगी।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि न्यूमोकोकल काँजुगेट की तीन डोज इंजेक्शन के रूप में बच्चों को दी जानी है। पहला इंजेक्शन बच्चा के डेढ़ महीने का होने पर पेंटा-1 के साथ। दूसरा साढ़े तीन महीने पर। तीसरा एमआर के साथ बच्चे के नौ महीने पूरे होने के बाद। जिले स्तर व ब्लॉक के ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

है क्या निमोनिया:

निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह मुख्य रूप से विषाणु या जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा निमोनिया कुछ दवाओं और अन्य बीमारियों के संक्रमण से भी हो सकता है।

इसके लक्षण:

निमोनिया होने पर फ्लू जैसे लक्षण महसूस होते हैं। यह लक्षण धीरे-धीरे या फिर तेजी से विकसित हो जाते हैं। निमोनिया का मुख्य लक्षण खांसी है। बच्चा कमजोर और थका हुआ महसूस करता है। बलगम वाली खांसी होती है। बुखार के साथ पसीना और कंपकंपी होती है। सांस लेने में कठिनाई होती है या सांस तेज चलती है। इसके अलावा भूख भी नही लगती है।

किसी भी उम्र में हो सकता है:

डॉ. सिंह ने बताया निमोनिया किसी भी उम्र में हो सकता है। नियमित टीकाकरण में इस वैक्सीन को शामिल किये जाने से बच्चों को निमोनिया का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। साथ ही वैक्सीन लगने से बड़े होने पर उनको निमोनिया होने की आशंका कम हो जाएगी।

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