सतीश कौशिक की आखिरी फिल्‍म होगी कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ – Up18 News

सतीश कौशिक की आखिरी फिल्‍म होगी कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’

ENTERTAINMENT

 

दिग्गज एक्टर सतीश कौशिक का 66 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया। सतीश कौशिक के जाने से न केवल उनके करीबी बल्कि दर्शक भी बेहद दुखी हैं। कौशिक दुनिया से जाने के बाद भी फैंस का मनोरंजन करते रहेंगे। वह कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ में नजर आने वाले हैं।

उन्होंने प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान 1975-76 में भारत में लगी इमरजेंसी पर बनी फिल्म में दिवंगत रक्षा मंत्री जगजीवन राम की भूमिका निभाई है। जगजीवन राम जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे। फिल्म में सतीश कौशिक का लुक कंगना रनौत ने कुछ महीने पहले शेयर किया था। उनकी तस्वीर शेयर करते हुए कंगना ने लिखा था, “लास्ट बट नॉट द लीस्ट…प्रतिभा के पावरहाउस सतीश कौशिक को आपातकाल में जगजीवन राम के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिन्हें बाबूजी के नाम से जाना जाता है। वह भारतीय राजनीतिक इतिहास में सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक थे।”

कौशिक ने भी इंस्टाग्राम पर भी लिखा था, “कंगना रनौत के निर्देशन में बनी इमरजेंसी में सबसे दयालु और सामाजिक न्याय के योद्धा बाबूजी के रूप में जाने जाने वाले जगजीवन राम की भूमिका निभाने के लिए आभार।”

सतीश कौशिक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा एंड फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व छात्र थे। सतीश कौशिक ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। 1980 के दशक में अपनी शुरुआत करने के बाद उन्होंने 90 के दशक की कई प्रतिष्ठित हिट फिल्मों में अभिनय किया। उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में ‘मिस्टर इंडिया’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘ब्रिक लेन’, ‘साजन चले ससुराल’ शामिल हैं।

उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’, ‘प्रेम’, ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ और ‘तेरे नाम’ समेत कई बड़ी फिल्मों में अहम भूमिका निभाई है। अपने करियर के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया था कि उन्हें कॉमेडी रोल के लिए टाइपकास्ट कर दिया गया, लेकिन समय के साथ उन्हें अलग-अलग किरदार करने के मौके मिले।

कौशिक ने कहा था, “हमने ही ‘खलनायक’ और ‘नेगेटिव रोल’ जैसी परिभाषाएं गढ़ी हैं। यह वास्तव में उस व्यक्ति के बारे में है जिसका किरदार आप निभा रहे हैं। वह अच्छे सेंस ऑफ ह्यूमर वाला एक बुरा व्यक्ति हो सकता है। इसलिए हम गैंगस्टरों को एक दिलचस्प व्यक्तित्व के साथ भी देखते हैं।”

Dr. Bhanu Pratap Singh