डॉ. हरीश रौतेला

RSS के बृज प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश रौतेला ने 7 चिकित्सकों को दिया ‘जीवन रक्षक अवॉर्ड’, बच्चों को कला साधना से जोड़ने का आह्वान

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Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India.  8वें अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव के द्वितीय दिवस का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बृज प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश रौतेला ने किया। उन्होंने आगरा के 7 प्रतिष्ठित चिकित्सकों का ‘जीवन रक्षक अवॉर्ड’ से सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बच्चों को कला साधना से भी जोड़ा जाए। कला के देवता नटराज हैं। रंगकर्म भारत की प्राचीन विधा है। उन्होंने इस आयोजन के लिए अलका सिंह की सराहना की। बता दें कि महोत्सव समाजसेवी विजय किशोर बंसल, डॉ. आनंद टाइटलर और नितेश शर्मा के सानिध्य में हो रहा है।

 

ब्रह्मा जी ने स्वयं नृत्य वेद का सृजन किया

डॉ. हरीश रौतेला ने कहा- भारतीय शास्त्रीय साधना में मानव जीवन को बहुत ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है। कला, साहित्य, संगीत, नृत्य त्रेता युग से संगीत के साधन हैं। नृत्य में आठ प्रकार की विधाएं हैं जो भगवान नटराज के राजसी और सात्विक कला का संयुक्त बोध कराते हैं। उन्होंने कहा ब्रह्मा जी ने स्वयं नृत्य वेद का सृजन किया था। नृत्य के देवता भगवान शंकर और नृत्य की रानी माता पार्वती स्वयं है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि आज बच्चों को साहित्य साधना से जोड़ने की जरूरत है। किसी भी देश के विकास में साहित्य, संगीत, कला, विज्ञान का संयुक्त योगदान होता है। नृत्य और संगीत मातृशक्ति को अभय वरदान के रूप में प्राप्त हुए हैं। डॉ. हरीश रौतेला ने कहा अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए भारत आगामी 2047 तक विश्व की बड़ी इकोनॉमी के रूप में खड़ा हो जाएगा। इसमें कला का बड़ा योगदान होगा।

8वां अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव आगरा
8वां अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां।

देश-विदेश की सांस्कृतिक छटा

इस दौरान इंडोनेशिया, नेपाल, ओडिशा के कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। शानदार प्रस्तुतियों को हर किसी ने सराहा। महोत्सव में कई देशों के साथ भारत के विभिन्न रज्यों की सांस्कृतिक छटा परिलक्षित है।

 

इन चिकित्सकों का मिला सम्मान

कोरोनाकाल में अपनी जान हथेली पर रख पीड़ितों की सेवा करने वाले सात चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। ये हैं- डॉ. सुनील शर्मा (सर्जन), डॉ. सुनील बंसल (फिजीशियन), डॉ. बीके अग्रवाल (फिजीशियन), डॉ. पंकज नगाइच (रेडियोलॉजिस्ट), डॉ. कैलाश सारस्वत (होम्योपैथी), डॉ. अरुण जैन (पीडियाट्रीशियन), डॉ. दिग्जेन्द्र सिंह (डेंटल सर्जन)।

डॉ. हरीश रौतेला आर.एस.एस
आर.एस.एस.प्रचारक डॉ. हरीश रौतेला का सम्मान करते डॉ. भानु प्रताप सिंह, अलका सिंह,  रोहित कत्याल, डॉ. आनंद टाइटलर।

मुख्य अतिथि का सम्मान

नटरांजलि थिएटर आर्ट्स की निदेशक और महोत्सव की संयोजक अलका सिंह, लेखक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह, मुख्य मार्गदर्शक डॉ. आनंद टाइटलर, रोहित कत्याल ने मुख्य अतिथि डॉ. हरीश रौतेला का सम्मान किया।

 

अलका सिंह का सम्मान

डॉ. हरीश रौतेला और इंदु सिंह ने अलका सिंह का सम्मान किया। बाद में अलका सिंह और डॉ. आनंद टाइटलर ने डॉ. भानु प्रताप सिंह को स्मृति चिह्न और शॉल देकर सम्मानित किया।

डॉ. हरीश रौतेला आर.एस.एस. आगरा
दीप प्रज्ज्वलित करते प्रोफेसर सुगम आनंद। साथ में अलका सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, रोहित कत्याल, डॉ. हरीश रौतेला।

उल्लेखनीय उपस्थिति

इस मौके पर प्रोफेसर सुगम आनंद, डॉक्टर सुरेंद्र सिंह राना, समाजसेवी शिशिर भगत, राजेश खुराना, डॉ. आनंद राय, आदर्श नंदन गुप्त, शबाना खंडेलवाल, टोनी फास्टर, लालाराम तैनगुरिया, गिरजा शंकर शर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

इन्होंने किया शुभारंभ

डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में 22 सितंबर से शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव के दूसरे दिन का शुभारंभ मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत प्रचारक डॉक्टर हरीश रौतेला, कार्यक्रम संयोजक अलका सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, प्रोफेसर सुगम आनंद, शिशिर भगत, राजेश खुराना, डॉ आनंद टाइटलर, रोहित कत्याल ने संयुक्त रूप से नृत्य संगीत के देवता भगवान नटराज एवं स्वर संगीत की देवी मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। अतिथि देवो भव की परंपरा का निर्वहन करते हुए नट्रांजलि थिएटर आर्ट की ओर से मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों का अंग वस्त्र पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव
अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव में मलेषिया के कलाकारों के साथ डॉ. हरीश रौतेला, अलका सिंह आदि।

ओडिशा का सामूहिक उड़िया नृत्य बना आकर्षण का केंद्र

महोत्सव के दूसरे दिन ओडिशा से आए कलाकारों ने अपने राज्य के उड़िया नृत्य के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक छटा का दर्शन विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में कराया। उड़ीसा के कलाकारों का नृत्य देखकर कार्यक्रम में आए अतिथि और दर्शक तालियां बजाने पर मजबूर हो गए।

 

इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति

झारखंड के धनबाद से आई धनबाद क्वीन 5 वर्षीय बालिका कनक ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। नोएडा से आईं यज्ञा पांडे ने कथक नृत्य प्रस्तुत कर भारतीय संस्कृति की अनोखी छटा मंच पर दर्शाई। इसी बीच ग्वालियर से आई नन्ही कलाकार अक्षिता चक्रवर्ती ने अधरम मधुरम, नयनम मधुरम, मधुराधिपति अधरम मधुरम। साहित्यिक मंत्र पर अपनी अनोखी प्रस्तुति दी।

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आगरा से घाघरो मंगा दे रसिया में मेला देखन जाऊंगी

नमिता डांस एकेडमी के कलाकारों ने “आगरा से घाघरो मंगा दे रसिया’ गीत पर जमकर नृत्य कर दर्शकों को लुभाया। नन्हें मुन्ने कलाकारों ने सामूहिक नृत्य के माध्यम से लोक कला और लोक नृत्य का अनोखा संगम सांस्कृतिक मंच पर प्रस्तुत किया।

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Dr. Bhanu Pratap Singh