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हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूहः 54 देशों के बीच रिश्त मजबूत करने की कवायद, पढ़िए इन्द्रेश कुमार ने क्या कहा

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Agra, Uttar Pradesh, India.राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के तत्वावधान में 54 देशों के प्रकल्प हिमालय-हिन्द महासागर राष्ट्र समूह (हर्ष) के अन्तर्गत दो दिवसीय एक अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार कम सेमिनार का आयोजन सेनाभ्यास एजुकेशनल सेंटर, आगरा में किया गया है। इस सेमिनार में भारत और हिमालय- हिन्दमहासागर के निकटवर्ती देशों के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करना है। इस आयोजन से परस्पर देशों में उनके वर्तमान संबंधों में मजबूत आयेगी। आगामी समय म़े भारत की अगुवाई से हिमालय हिन्दमहासागर राष्ट्र समूह विश्व में समरसता व सहकारिता के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेगा।

इस सेमिनार का शुभारंभ डॉ. इंद्रेश कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। अनामिका मिश्र जज द्वारा सरस्वती वंदना और राष्ट्रीय गीत गाया गया।  साथ ही सभी मेहमानों का स्वागत किया गया। मंचासीन सभी बुद्धिजीवियों को हिमाचली टोपी, शॉल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। जो लोग सेमिनार में अपनी उपस्थित दर्ज नहीं करवा पाए, उन्होंने वेबिनार के जरिये जुड़कर कार्यक्रम के प्रति अपना उत्साह जताया। आए हुए सभी मेहमानों ने 54 देशों के बीच होने वली गतिविधियों को निखारा व नए तरीके भी बताये जिससे सभी देशों के बीच के रिश्ते मजबूत हों।

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच मार्गदर्शक डॉ. इन्द्रेश कुमार ने बताया कि हम सब एक दूसरे से बहुत पुराने काल से जुड़े हैं। कहने को तो अलग-अलग धर्म हैं, मान्यताएं हैं लेकिन देखा जए तो हम सब की कहानी एक है। हम सब एक ही जगह से उत्पन हुए हैं। इसलिए हमें साथ आने की जरूरत है और अपने रिश्तों को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। 54 देश जब एक साथ जुड़ेंगे। हम किसी से कम नहीं होंगे। एक साथ हम सबसे ताकतवर होंगे।

मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ले.जनरल आरएन सिंह ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के तत्वावधान में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की सार्वभौमिकता हमारी सामरिक व सामाजिक परिस्थितियों को बेहतर बनाने में सिद्ध होगी।

सेमिनार में उपस्थित नेपाल के राजदूत राम प्रसाद सुबेदी ने नेपाल व भरत के मजबूत रिश्तों के बारे मे बताया। उनका कहना था कि हम माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई और हिंद महासागर की गहराई के साथ वास्तविकताओं की तुलना करते हैं। हिमालय हमारी देवभूमि है, ज्ञानभूमि है। हमें अपने अहसासों को और मजबूत बनाने की जरूरत है और इसे उज्ज्वल भविष्य के लिए पोषित करना है।

सेमिनार में भगवती प्रसाद शर्मा (कुलपति, गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी, नोएडा) भी ऑनलाइन जुड़े। उन्होंने बताया कि किसी भी स्तर पर कॉलेज या एनजीओ के माध्यम से काम करने वाले समूह, सभी 54 देशों के साथ सांस्कृतिक और पारंपरिक वास्तविकताओं के निर्माण में बहुत सहायक होगा। समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह, पूरन डावर जी,  डॉ. जीएस धर्मेश (राज्यमंत्री), विधायक हेमलता दिवाकर, गोलक बिहारी राय, जसवीर सिंह, डॉ. रजनीश त्यागी, ब्रिगेडियर मनोज शर्मा, रविन्द्र पाल सिंह टिम्मा, कर्नल जीएम खान, पवन सिंह, रोहित दीक्षित, कर्नल राजेश चौहान, गौरी शंकर सिंह, शैलेन्द्र शर्मा, हरेन्द्र ठाकुर, राज परिहार,  मनीष गुप्ता, तर्श वशिष्ठ, माधव त्यागी, लुबना आसिफ, सचिन गोयल आदि उपस्थित थे। डॉ. राजीव उपाध्याय ने धन्यवाद दिया। संचालन डॉ. वेद त्रिपाठी ने किया।

आज के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता एयरमार्शल डॉ. आरसी बाजपेयी ने की। हाँगकाँग से डॉ. टी.एस.यू.आई. चुंगघुई , नेपाल से सुमित्रा कार्की और प्रमोद जयसवाल, फिरोज अहमद, कर्नल डॉ. आरएस चौहान आदि ने सामाजिक व सांस्कृतिक सशक्तिकरण पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये।