विधानसभा चुनाव में इतनी ऊंची आवाज में दहाड़ेंगे कि जनता को धोखा देने वालों के हृदय कंपायमान हो जाएंगे
जनता ने कांग्रेस, बसपा, रालोद जैसे दलों को ठुकरा दिया, अब राष्ट्रीय वंचित पार्टी की ओर निगाह लगी हुई है
Bhopal, Madhya Pradesh, India. राष्ट्रीय वंचित पार्टी (Rashtriya vanchit party) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhan sabha election) के लिए कमर कस ली है। इसके लिए एक चक्रव्यूह की रचना की गई है। विधानसभा की सभी 403 विधानसभा सीटों पर सर्वेक्षण कराया जा रहा है। यह पता लगाया जा रहा है कि पार्टी कहां मजबूत है और कहां नहीं। पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन (National convention) भी उत्तर प्रदेश में ही होगा। प्रत्याशियों की घोषणा भी पार्टी सबसे पहले करके एक संदेश देना चाहती है।
क्या है दलीय स्थिति
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी का दबदबा है। राष्ट्रीय लोकदल समेत अनेक क्षेत्रीय दल भी हैं, जो अपनी उपस्थित मात्र दर्ज करा पा रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 384 में 312, अपना दल (सोनेलाल) ने 11 में से 9, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने आठ में से चार, समाजवादी पार्टी ने 311 में 47, कांग्रेस ने 114 में 7 सीटें जीतीं। बहुजन समाज पार्टी ने 403 में 19, राष्ट्रीय लोकदल ने 277 में 1, निषाद पार्टी ने 72 में 1 सीट पर चुनाव जीता। 1462 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे और तीन ने विजयश्री हासिल की। अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो भाजपा को 39.67 फीसदी (राजग 41.35 फीसदी), समाजवादी पार्टी को 21.82, कांग्रेस को 6.25 (दोनों को 28.07), बसपा को 22.23, रालोद को 1.78 फीसदी वोट हासिल हुए। उत्तरप्रदेश में 14 करोड़ से अधिक मतदाता हैं।
2017 का चुनाव क्यों नहीं लड़ा
उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव की हर दल तैयारी कर रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय वंचित पार्टी ने ताल ठोक दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार यादव बताते हैं कि हमने यूपी में बहुत काम किया है। 2016 से लगातार सक्रिय हैं। चुनाव आयोग से चुनाव चिह्न आवंटित न होने के कारण 2017 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। हमें चुनाव चिह्न मिल गया है। दूसरे मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव से हमें अनुभव मिल गया है। इसक उपयोग यूपी के चुनाव में किया जाएगा।
यूपी में सैकड़ों वंचितों को अपने पैरों पर खड़ा किया
श्री यादव बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों में हमारा सांगठनिक ढांचा मजबूत है। जिला और विधानसभा ही नहीं, बूथ स्तर पर कमेटी गठित है। हमारे पास कैडरबेस कार्यकर्ता हैं, जो प्रचार के स्थान पर काम में विश्वास रखते हैं। हमने यूपी में सैकड़ों वंचितों को अपने पैरों पर खड़ा किया है। बेटियों की शिक्षा और विवाह पार्टी ने अपने दम पर कराए हैं। जिन घरों के बुझे हुए चूल्हे सत्ताधारी दल नहीं देख पाते हैं, वहां हमारे कार्यकर्ता पहुंचते हैं। इस तरह के वंचित हर जाति में हैं। पार्टी इनके उत्थान के लिए संघर्षरत है। हमने इस तरह के कार्यों का शोर नहीं मचाया। अब लगता है कि विधानसभा चुनाव में इतनी ऊंची आवाज में दहाड़ेंगे कि जनता को धोखा देने वालों के हृदय कंपायमान हो जाएंगे।
पार्टी की तैयारी देख उत्साह का वातावरण
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का अर्थ भी यही है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में अच्छे लोगों को पहुंचाएंगे। अधिवेशन के तत्काल बाद प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। हमने प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है। यूपी में जैसे-जैसे पार्टी की तैयारियों की जानकारी लोगों को मिल रही है, उत्साह का वातावरण देखा जा रहा है। मुझे लोग फोन करके अधिवेशन की तारीख के बारे में पूछ रहे हैं। पार्टी के प्रति सकारात्मक वातावरण है। जनता ने कांग्रेस, बसपा, रालोद जैसे दलों को ठुकरा दिया है। अब राष्ट्रीय वंचित पार्टी की ओर निगाह लगी हुई है।
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