heart surgery

AMU के जेएन मेडिकल कॉलेज में पांच साल की बच्ची का दुर्लभ ऑपरेशन

HEALTH NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Aligarh, Uttar Pradesh, India.दीपावली का त्योहार पांच माह की बालिका कनिका के घर में रौनक एवं खुशियां लेकर आया। इस बच्ची का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोंथोरेसिक सर्जरी विभाग के चिकित्सा दल द्वारा 40 मिनट तक हार्ट व लंग्स के कार्य को रोक कर उसके दिल के छेद का सफलतापूर्वक आपरेशन कर दुर्लभ सर्जरी को अंजाम दिया गया।


खुर्जा की रहने वाली पांच माह की कनिका जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थी और उसके हृदय में छेद होने के कारण उसका शरीर नीला पड़ जाता था। दिल में छेद के कारण उसके फेफड़ों से प्रवाहित होने वाला स्वच्छ रक्त गंदे रक्त से मिल रहा था जिसके चलते कानिका निरंतर रूप से बीमार चल रही थी और उसका वजन भी नहीं बढ़ रहा था।


कानिका के माता पिता उसे जेएन मेडिकल कॉलेज लेकर आये जहां बाल एवं शिशु रोग हृदय विशेषज्ञ डाक्टर शाद अबकरी और डाक्टर एम कामरान मिर्जा ने उसकी ईकोकार्डियोग्राफी कर उसकी बीमारी का पता लाया और उसके माता पिता को तत्काल उसके हृदय में छेद की तत्काल सर्जरी कराने का परामर्श दिया। उन्होंने शिशु का प्री सर्जरी का परीक्षण भी किया।  


कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष एवं प्रमुख कार्डिक सर्जन डाक्टर एम आजम हसीन व उनकी टीम के सदस्यों ने लगभग चार घंटे तक चली इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर कानिका को नया जीवन प्रदान किया। डाक्टर आजम हसीन ने बताया कि शिशु के पांच माह आयु का होने तथा उसका भार चार किलो होने के कारण उसकी सर्जरी करना एक चुनौती भरा कार्य था क्योंकि यह एक बेहद दुलर्भ सर्जरी थी। उन्होंने बताया कि क्लीनिकल पफ्र्युजनिस्ट डाक्टर साबिर अली खान ने मेडिसिन एण्ड हार्ट लंग्स मशीन की मदद से आपरेशन के दौरान बच्ची के हृदय व फेफड़ों के कार्य को 40 मिनट तक रोके रखा। चिकित्सकों की टीम में शामिल डाक्टर सुमित प्रताप सिंह और डाक्टर मयंक यादव ने सर्जरी में सहयोग किया। शिशु को एनेस्थीसिया डाक्टर नदीम रजा व उनकी टीम द्वारा दिया गया।


डिस्ट्रिक अर्ली इंटरवेंशन सेंटर के समन्वयक एवम जेएन मेडिकल कालिज के बाल एवम शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कामरान अफजाल ने बताया कि इस सर्जरी को भारत सरकार के बाल स्वास्थय कार्यक्रम योजना के तहत निशुल्क अंजाम दिया गया।


एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने चिकित्सा दल के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि मरीजों को ऐसे इलाज के लिए अलीगढ़ से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि जेएन मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिएटी सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जेएन मेडिकल कॉलेज मार्च लॉकडाउन के बाद से 130 से अधिक कार्डियोवेस्कुलर सर्जरी के साथ अन्य दुलर्भ सर्जिकल प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है।


मेडिसिन संकाय के डीन प्रोफेसर राकेश भार्गव तथा जेएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा है कि बुनियादी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने से बड़ी संख्या में रोगी जेएन मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं और स्वास्थय लाभ हासिल कर रहे हैं।