धनाढ्यों के घर राम सजकर और बाबा के समक्ष बिना मुकुट के..हे राम: हरिहर पुरी

PRESS RELEASE





उत्तर भारत में आगरा में प्रभु श्रीराम की बारात बड़ी धूमधाम से निकाली जाती रही है गत कुछ वर्षो से इस आयोजन में कोई न कोई विवाद जन्म लेता रहा है इस बार मनकामेश्वर मंदिर के महंत हरिहर पुरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा है कि विवाहोप्रांत प्रभु श्री राम भोले बाबा बाबा के दर्शनों को, अपने पिता दशरथ जी व गुरू विश्वामित्र, वशिष्ठ जी के साथ पूर्ण श्रंगार स्वरूप में आते रहे है लेकिन इस बार स्वरूप बिना श्रंगार में दर्शन के लिए आए ।

144वर्षों से परम्परानुसार प्रभु श्रीराम अपने विवाह के बाद बाबा के दर्शनों को अपने पिता दशरथ जी व गुरू विश्वामित्र, वशिष्ठ जी के साथ आते हैं । वर्ष 2013, में मठ प्रशासक जी से विवाद के बाद भी कुछ परम्पराओं का निर्वाहन रामलीला कमेटी कर रही है, उसी में से जनकपुरी से विदाई के बाद प्रभु श्रीराम सबके साथ बाबा मनःकामेश्वरनाथ जी के दर्शन को आते हैं।

मगर आज प्रातःकाल ह्रदय को बड़ा कष्ट हुआ, साथ ही आप लोगों को भी देखकर दुःख होगा, कि भगवान को घर- घर घुमाकर दावत खाने वाले, मैरिज होम में उनका स्वागत करने वाले प्रभु श्री राम और बाक़ी स्वरूपों को बाबा मनःकामेश्वरनाथ जी के समक्ष बिना श्रृंगार के ले आए।

दुःख इस बात का भी है कि वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी उनके साथ में आए थे परंतु परंपरा का निर्वाह ना हुआ। पता नहीं ये सेठों की कमेटी अपने को क्या समझती है पर आगरावासी इन आराध्यों को अपना भगवान मानकर, इनके दर्शनों को लालायित रहते हैं।

144 सालों में रामलीला कमेटी पदाधिकारी अपने-अपने व्यापार जमाने में तो लगे रहे पर किसी ने ये भी नहीं सोचा कि एक मैदान या सामुदायिक हॉल का निर्माण भी करा लिया जाए क्योंकि अब आगरा मेट्रो ने रामलीला मैदान के नीचे से गाड़ी चला दी है।

मठ ने अपने को सारे विवादों व प्रपंचों से दूरकर श्री मनःकामेश्वर रामलीला का आयोजन आगरा शमशाबाद रोड पर स्थित दिगनेर गाँव में गुरू समाधि स्थान पर करना प्रारम्भ कर दिया है। बाबा मनःकामेश्वरनाथ जी से कामना है कि श्री रामलीला कमेटी को सदबुद्धि प्रदान करें।




Dr. Bhanu Pratap Singh