raja man singh murder case

राजा मान सिंह हत्याकांडः 35 साल में 3500 तारीखों के बाद मिला न्याय, पढ़िए Full Story

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Mathura (Uttar Pradesh, India)। भरतपुर के राजा मानसिंह उनके साथी हरि सिंह और सुमेर हत्याकांड में बुधवार को मथुरा की जिला जज साधना रानी ठाकुर द्वारा पूर्व डीएसपी सहित हत्यारे सभी 11 पुलिस कर्मियों को हत्या का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। वही उन सभी आरोपियों पर दस दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। राजा मानसिंह के परिवार में ख़ुशी है। बेटी दीपा कौर का कहना है कि भले ही न्याय 35 वर्ष बाद मिला हो लेकिन मिला तो सही। मुझे और मेरे परिवार को ख़ुशी है की पिता जी के हत्यारे सलाखों के पीछे हैं। इस मामले में 35 साल में 3500 तारीखें पड़ी हैं।

1985 में पुलिस वालों ने की थी हत्या

सन 1985 में 21 फरवरी को भरतपुर के डीग इलाके में राजा मानसिंह की चुनाव कार्यालय से निकलने के बाद मंडी के पास पुलिस ने घेरा बंदी कर गोलाबारी कर दी। पुलिस द्वारा की गयी गोलीबारी के दौरान मौत हो गई थी। जिसमें 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद मानसिंह की बेटी द्वारा राजस्थान से 1990 में इस हत्याकांड की सुनवाई मथुरा में कराने की याचिका के बाद लगातार यहीं इसको जिला जज की कोर्ट में केश की सुनवाई चल रही थी, जिसमें जहाँ कल सभी 11 दोषियों को हत्या का दोषी पाया गया।

चार आरोपियों की हो चुकी है मौत

तीन को बरी कर दिया। 4 आरोपियों की पहले ही मौत हो गई थी। बचे हुए 11 को मथुरा जिला जल साधना रानी ठाकुर ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिला जेल से सभी 11 आरोपियों को पुलिस सुरक्षा में कोर्ट लाया गया। दोषी पाए जाने के बाद उम्र कैद की सजा और दस दस हजार रुपये का जुर्माना भी सभी दोषियों के ऊपर लगाया गया है। साथ ही 302 के अलावा जो धाराएं लगाई गई है उनमे मिलने वाली सजा भी इसके साथ ही भुगतनी पड़ेगी।

राजा साहब के चाहने वालों में खुशी

वही स्वर्गीय राजा मानसिंह की बेटी दीपा कौर ने जिला जज द्वारा सुनाए गए फैसले पर अपनी खुशी जाहिर की और उन्होंने कहा कि हमें न्याय मिल गया है हमारे साथ साथ राजा साहब के चाहने वाले भी खुश हैं । दीपा ने कहा कि मैंने मथुरा में इसलिए मामले को लाने की सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि राजस्थान सरकार और कोर्ट पर मुझे बिल्कुल भी भरोसा नहीं था। मथुरा से मुझे न्याय मिल गया है ।

हत्यारोपियों के परिजन असंतुष्ट

हत्या के मामले में सजा भुगतने वाले पुलिसकर्मियों के वकील और परिजन कुछ असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ इससे आगे उच्च न्यायालय में अपनी अपील करेंगे। परिजनों ने ये भी कहा कि हम चाहते हैं कि अब इस केस की सुनवाई भी आगे से राजस्थान कोर्ट में ही की जाए।

35 साल और 3500 तारीख

स्वर्गीय राजा मानसिंह पक्ष के अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया ने बताया कि हम लोगों को 35 साल बाद न्याय मिला है। खुशी की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि इन 35 सालों में करीब 35 सौ तारीख राजा साहब के मामले में पड़ी और उस समय राजा साहब के साथ वारदात हुई तो 18 पुलिस कर्मी ही दोषी थे, जिनमें चार की मौत हो गई थी। बचे हुए 14 में से 11 को आज आजीवन कारावास हो गया है, जिनमें डीएसपी कान सिंह भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 3 आरोपियों को बरी किया गया है । भैया कहते हैं कि फैसला देर से आया सही लेकिन हमारे पक्ष में आया। केंद्र और राज्य सरकार उस समय कांग्रेस की थी। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कहने पर राजा साहब पर पुलिसकर्मियों ने दबाव में आकर गोलियां चलाई। राजा साहब जब चुनाव कार्यालय से लौट रहे थे इस घटना को तब अंजाम मंडी के पास दिया गया था ।