रजिस्ट्री कार्यालयों में हेराफेरी पर सख्त कार्रवाई को लेकर जिलाधिकारी को दी बधाई, पुलिस कमिश्नर का जताया आभार
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजा अरिदमन सिंह ने एक कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तहसील सदर ही नहीं, बल्कि समूचे आगरा जनपद की तहसीलों में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो चुकी हैं। उन्होंने भ्रष्ट तंत्र का शिकार स्वयं को बताते हुए कहा कि भ्रष्ट लोगों ने मेरी संपत्ति को भी हड़पने का प्रयास किया।
राजा अरिदमन सिंह ने रजिस्ट्री कार्यालयों में व्याप्त हेराफेरी के खिलाफ जिलाधिकारी द्वारा कराई जा रही सख्त जांच पर प्रसन्नता जताते हुए उन्हें बधाई दी और साथ ही पुलिस कमिश्नर की तत्परता एवं निष्पक्ष कार्रवाई पर आभार प्रकट किया।
“मुझे भी बनाया गया भ्रष्टाचार का शिकार”
राजा अरिदमन सिंह ने खुलासा किया कि बाह तहसील के प्रभारी सब-रजिस्ट्रार की मिलीभगत से उनके ही किरायेदार ने पिनाहट स्थित उनकी दुकान का बैनामा अपनी पत्नी के नाम करा लिया। इतना ही नहीं, उसकी पत्नी ने आगे उस संपत्ति को किसी और को बेच दिया, जबकि मैं इस दुकान का विधिवत टैक्स अदा करता हूं और इसका वास्तविक मालिक हूं।
उन्होंने बताया कि इस घोटाले की शिकायत जब उन्होंने पुलिस कमिश्नर से की और उन्हें अपने मालिकाना दस्तावेज सौंपे, तो त्वरित जांच कराई गई। परिणामस्वरूप, मुख्य आरोपी बबलू गुप्ता उर्फ दिनेश गुप्ता की पत्नी सहित तीन लोगों को गंभीर धाराओं में जेल भेज दिया गया।
राजा अरिदमन सिंह ने पुलिस कमिश्नर की इस कठोर एवं निष्पक्ष कार्रवाई को सराहनीय बताया और उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया।
“मुख्यमंत्री जी के निर्देश स्पष्ट, जिलाधिकारी की जांच प्रशंसनीय”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जालसाजी और भूमि घोटालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में जिलाधिकारी की पहल सराहनीय है, जो रजिस्ट्री कार्यालयों में हो रहे घोटालों की गंभीरता से जांच करवा रहे हैं। यह अभियान जालसाजों और भूमाफियाओं को सलाखों के पीछे भेजने में सहायक साबित होगा।
“सालों से जारी हेराफेरी का पर्दाफाश जरूरी”
पूर्व मंत्री ने यह भी बताया कि यह खेल कोई नया नहीं है, बल्कि वर्षों से चल रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री रहते हुए भी इस गड़बड़ी को महसूस किया था।
उन्होंने एक पुराना वाकया साझा करते हुए बताया कि सर्किट हाउस के पास माल रोड पर स्थित डिफेंस की एक इमारत में बाउंड्री बनाई जा रही थी, जहां ‘राधा स्वामी मत’ का बोर्ड लगा था। नियमों के अनुसार, कैंटोनमेंट के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की अनुमति के बिना कोई भी बैनामा संभव नहीं था, फिर भी यह अवैध रूप से किया गया।
उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताई थी और तत्कालीन स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर साहनी से भी चर्चा की थी। जांच में यह सामने आया कि माल रोड के पास की सड़क का जिक्र कर किसी और स्थान पर बैनामा कर दिया गया था। इस मामले में दोषी पाए गए सब-रजिस्ट्रार एवं अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था।
“अब आगरा में भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश”
राजा अरिदमन सिंह ने संतोष व्यक्त किया कि अब आगरा में जिलाधिकारी ने एआईजी और सदर तहसील के प्रभारी सब-रजिस्ट्रार की जांच कर शासन को संस्तुति भेज दी है। इससे दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी और रजिस्ट्री कार्यालयों में चल रही जालसाजी पर लगाम लगेगी।
“भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की मंशा साफ, जालसाजों को नहीं मिलेगी राहत”
पूर्व मंत्री ने स्पष्ट किया कि योगी सरकार की मंशा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की है। अब जब प्रशासनिक अधिकारी भी इस दिशा में सक्रिय हुए हैं, तो जालसाजों और भूमाफियाओं के दिन गिने-चुने रह गए हैं।
आगरा के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ठोस संदेश गया है। इससे न केवल न्याय व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि आम नागरिकों का भी प्रशासन पर विश्वास और अधिक दृढ़ होगा।
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