Aligarh (Uttar Pradesh, India ) । मंगलायतन विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग द्वारा शनिवार को “रेडियो” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें आरजे गगन मुख्य अथिति के रूप में शामिल हुए।
गगन गौतम ग्रेटर नोयडा में एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन में आरजे के पद पर तैनात हैं। मंविवि में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा की रेडियो रचनात्मकता का माध्यम है। इसके माध्यम से सभी वर्ग के लोगों का मनोरंजन कर सकते हैं। रेडियो से मात्र मनोरंजन ही नहीं होता, ज्ञान में भी वृद्धि होती है। साथ ही साथ लोगों को विभिन्न विषयों के प्रति जागरूक भी कर सकते हैं। आरजे गगन ने कहा कि रेडियो का उपयोग शिक्षण-कार्य के लिए भी किया जाता है। हमारे देश में रेडियो का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कार्यशाला के दौरान उन्होंने रेडियो नारद पर तकनीकी ज्ञान भी विद्यार्थियों को दिया।
प्राचीन और प्रमुख माध्यम रेडियो
पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग की अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक मनीषा उपाध्याय ने कहा रेडियो जनसंचार का सबसे प्राचीन और प्रमुख माध्यम है। सूचना, संचार और गीतों के माध्यम से मनोरंजन के अहम माध्यम के तौर पर रेडियो का इस्तेमाल किया जाता है। टीवी और रेडियो में अंतर बताते हुए कहा कि रेडियो को सुनते हुए हम बहुत से ऐसे कार्य कर सकते हैं, जो टीवी देखने के साथ नहीं कर सकते हैं। रेडियो सुनते हुए हम वाहन चला सकते हैं, सब्जी काट सकते हैं और भी अन्य कार्य कर सकते हैं।
ये थे मौजूद
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संतोष कुमार गौतम ने कहा कि रेडियो का उपयोग हम तीन रूप में करते हैं। प्रचार के साधन के रूप में, शिक्षण-कार्य के साधन के रूप में और मनोरंजन के साधन के रूप में। कार्यशाला में छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों का आरजे गगन द्वारा जवाब भी दिया गया। संचालन आरजे कुंदन ने किया। मयंक जैन ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान आरजे शिवा, पवन कुमार, मुख्त्यार अहमद, ज्योति गौतम, सताक्षी मिश्रा, दीपक सिंह आदि मौजूद थे।
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