dadaji maharaj

पंजाब के बाद हरियाणा में भी कह रहा हूं कि मदिरापान छोड़िएः दादाजी महाराज

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

हजूरी भवन, पीपल मंडी, आगरा (Hazuri Bhawan, Peepal mandi, Agra) राधास्वामी मत का आदि केन्द्र है। यहीं पर राधास्वामी मत  (Radha Soami Faith) के सभी गुरु विराजे हैं। राधास्वामी मत के वर्तमान आचार्य (Radhasoami guru Dadaji maharaj) और अधिष्ठाता दादाजी महाराज ( प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर हैं)  जो आगरा विश्वविद्यालय (Agra university Dr Bhimrov ambedkar university agra) के दो बार कुलपति (Vice chancellor of Agra university)  रहे हैं। हजूरी भवन ( Hazuri Bhawan, Peepal Mandi, Agra) में हर वक्त राधास्वामी  (Radha Soami)  नाम की गूंज होती रहती है। दिन में जो बार अखंड सत्संग होता है। दादाजी महाराज ने राधास्वामी मत (RadhaSomai faith) के अनुयायियों का मार्गदर्शन करने के लिए पूरे देश में भ्रमण किया। इसी क्रम में 11 अप्रैल 2000 को पंडित पार्क, ग्राम भोंडसी, जिला गुड़गांव, हरियाणा, भारत में सतसंग के दौरान दादाजी महाराज )Dadaji maharaj Prof Agam Prasad Mathur) ने कहा – वह संत सतगुरु साधारण व्यक्ति नहीं। आप गलत ही पर हैं अगर आप यह समझते हैं कि वह साधारण व्यक्ति हैं। वह साधारण बरतते जरूर हैं लेकिन आपके घट-घट से परिचित हैं।


मदिरापान से तमोगुनी वृत्ति

मैंने मदिरापान के बारे में पंजाब में भी कहा और यहां हरियाणा में भी कह रहा हूं कि मदिरापान छोड़िए। इससे तमोगुनी वृत्ति हो जाती है आपको कोई अधिकार नहीं है कि आप मालिक को याद करने वाली प्रेमिन पर शासन करें या ठंडा चलाएं।

सतोगुणी वृत्ति के लक्षण

चाहे महिला हो या पुरुष, यह सारा का सारा मामला एक जगह पर आधारित होता है कि आपको मालिक का कितना डर है और आप मालिक से कितना प्यार करते हैं। क्या आप वास्तव में पिया को ही चाहते हैं और पिया के बिना जिंदा नहीं रह सकते? अगर ऐसा है तब फिर आपके अंदर से सतोगुणी वृत्ति पैदा होनी चाहिए। उसका लक्षण है दयाभाव, शांतभाव, प्रेमभाव और सबको सुख पहुंचाने की वृत्ति लेकिन बदला लेने की चाहत, ईर्ष्या और वैर नहीं। किसी की बात का बुरा न मानना, किसी को अपनी जुबान से या हाथ पांव से दुख न देना और उसका शोषण न करना। संत सतगुरु हर प्रकार के शोषण को खत्म करने के लिए आए हैं।

संत सतगुरु कौन

वह संत सतगुरु साधारण व्यक्ति नहीं। आप गलत ही पर हैं अगर आप यह समझते हैं कि वह साधारण व्यक्ति हैं। वह साधारण बरतते जरूर हैं लेकिन आपके घट-घट से परिचित हैं। वह आपके इस जन्म की जानें, पिछले 100 जन्मों की जानें, आपकी उन योनियों की जानें जिनमें किसी तरह से बरत कर आप अब नर देही में आए हैं। वह यह भी जानते हैं कि आप सँभलेंगे नहीं तो किधर जाएंगे। इसलिए मुझे यह कहना है कि अब होशियार हो, जाओ बड़ी लंबी लड़ाई है।