अफ्रीकी संघ के प्रमुख ने रूस के साथ हुई एक बैठक में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा है कि अफ्रीकी लोग यूक्रेन युद्ध के निर्दोष शिकार हैं और रूस को उनकी परेशानी को कम करने में मदद करनी चाहिए.
सोची में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद अफ्रीकी संघ के प्रमुख मैकी साल ने कहा कि रूसी नेता ने अनाज और खाद के निर्यात को आसान बनाने का वादा किया हालांकि ये कैसे होगा इसका कोई विवरण नहीं दिया है.
पुतिन इस बात से इंकार करते रहे हैं कि रूस यूक्रेन के बंदरगाहों को अनाज निर्यात करने से रोक रहा है.
अफ्रीका में खपत होने वाले गेहूं का 40% से अधिक हिस्सा आमतौर पर रूस और यूक्रेन से आता है लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी से जारी युद्ध के बाद से काला सागर में यूक्रेन के बंदरगाहों को निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर ब्लॉक कर दिया गया है.
यूक्रेन और उसके सहयोगियों ने बंदरगाहों को ब्लॉक करने के लिए रूस को दोषी ठहराया.
संयुक्त राष्ट्र के क्राइसिस कोऑरडिनेशन के सदस्य अमीन अवद ने जेनेवा में कहा, “अगर ये बंदरगाह नहीं खुले तो इसके परिणामस्वरूप अकाल की स्थिति पैदा हो जाएगी.”
उन्होंने कहा कि अनाज की कमी से 1.4 अरब लोग प्रभावित हो सकते हैं और बड़े पैमाने पर पलायन हो सकता है.
रूस और यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के वक्त से ही पूरे अफ्रीका महाद्वीप में खाद्य कीमतों में ज़बरदस्त वृद्धि हुई है, जिससे भारी संख्या में लोग भूखमरी की ओर बढ़ रहे हैं.
विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख माइक डनफोर्ड ने कहा कि अफ्रीका में 8 करोड़ से अधिक लोग गंभीर रूप से खाद्य असुरक्षा झेल रहे हैं, इन लोगों को पेट पालना दुश्वार हो गया है. पिछले साल ये संख्या लगभग 5 करोड़ थी.
अफ्रीकी देश चाड ने राष्ट्रीय खाद्य आपातकाल घोषित कर दिया है. देश की एक तिहाई आबादी को खाद्य सहायता की जरूरत है, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार चाड सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय सहायता के लिए अपील की है.
-एजेंसियां
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