राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं को भारत का सबसे बड़ा संसाधन और सबसे बड़ी पूंजी की संज्ञा देते हुए बुधवार को उनसे समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के संकल्प के साथ काम करने का आह्वान किया। वह रांची में केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।
हमने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा: राष्ट्रपति
उन्होंने कहा, ‘‘युवा भारत के सबसे बड़े संसाधन और सबसे बड़ी पूंजी हैं। हमारा देश विश्व की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों में से एक है। भारत की अर्थव्यवस्था आज विश्व में पांचवें स्थान पर है और 2030 तक हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में युवाओं के पास न केवल सुनहरे भविष्य को बनाने की अपार संभावनाएं हैं बल्कि साथ ही उनके लिए परिस्थितियां भी अनुकूल हैं।’’
विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करेंगे: मुर्मू
मुर्मू ने छात्रों से कहा कि उनका दायित्व केवल अपने लिए एक अच्छा जीवन बनाना नहीं है बल्कि समाज और देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना भी उनका नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें आज संकल्प लेना चाहिए कि वे जहां भी काम करेंगे, एक समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करेंगे। एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए काम करेंगे जहां सद्भाव हो और जहां प्रत्येक व्यक्ति का जीवन गौरवपूर्ण हो।’’ उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे हमेशा ध्यान रखें कि उनके काम से पिछड़े या वंचित वर्गों के लोगों को लाभ होगा या नहीं।
ग्लोबल वार्मिंग जैसी बड़ी चुनौतियों का कर सकते हैं सामना: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि वह जब भी झारखंड आती हैं तो ऐसा लगता है जैसे वह अपने घर लौट आई हैं।उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड के लोगों के साथ, विशेषकर जनजातीय भाइयों और बहनों के साथ मेरा संबंध है। जनजातीय जीवन शैली में कई परंपराएं हैं जो अन्य लोगों और समुदायों के जीवन को बेहतर बना सकती हैं। वे प्रकृति के साथ संतुलन में रहते हैं और अगर हम उनकी जीवनशैली और तरीकों से सीख सकते हैं तो हम ग्लोबल वार्मिंग जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।’’
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर को हरित वास्तुकला सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि अध्ययन और अध्यापन के लिए अच्छा वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ पर्यावरण हितैषी प्रथाओं ने समाज के लिए पर्यावरण संरक्षण की अच्छी मिसाल पेश की है।उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस विश्वविद्यालय ने स्थानीय भाषा, साहित्य और संगीत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए विशेष केंद्र बनाए हैं।
सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कर रही काम
उन्होंने भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से जनजातीय समाज की संस्कृति के संरक्षण, अध्ययन और प्रचार के लिए झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की सराहना की।
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन भी दीक्षांत समारोह में शामिल हुए।छात्रों को बधाई देते हुए सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार छात्रों को अनुसंधान और नवाचार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है।उन्होंने कहा, ‘‘सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए भी काम कर रही है।’’
राधाकृष्णन ने कहा कि छात्रों की जिम्मेदारी न केवल अपना करियर बनाना है बल्कि समाज की बेहतरी में योगदान देना भी है।
-एजेंसी
- Agra News: गोस्वामी समाज सेवा समिति ने नवरात्रों के पावन अवसर पर भव्य भंडारे का किया आयोजन, गरबा और भक्ति गीतों झूमे श्रद्धालु - September 28, 2025
- स्वानंद किरकिरे का नाटक खोलेगा बॉलीवुड का असली चेहरा, फिरोज़ जाहिद खान कर रहे हैं ‘बेला मेरी जान’ का निर्देशन - September 28, 2025
- मुंबई में 4 अक्टूबर को आयोजित होगा ‘महानायक महागायक – किशोर कुमार और अमिताभ बच्चन’ म्यूज़िकल शो - September 28, 2025