Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। वृन्दावन- ठाकुर श्री बांकेबिहारी मन्दिर में फर्श पुनर्निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मथुरा मुंसिफ की मंजूरी के बाद रविवार को मन्दिर परिसर का ग्राउंड पेन्ट्रेटिंग राडार तकनीक से निरीक्षण किया गया। जल्द ही आईआईटी दिल्ली व पुरातत्व विशेषज्ञों की टीम विस्तृत जांच कर भूगर्भीय स्थिति जांचेगी। ज्ञात रहे है कि कोरोना काल में लाकडाउन के दौरान मन्दिर के मुख्य परिसर का फर्श सफाई के समय क्षतिग्रस्त दिखाई दिया था। मन्दिर प्रबंधन ने तत्काल इमारत निर्माण से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञों से जांच की प्रक्रिया शुरू करवा दी। खुदाई के दौरान करीब 5-6 फीट गहराई के बाद भी मिट्टी धंसने के कारणों का पता नही लग सका। इधर प्रबंधन ने केंद्रीय पुरातत्व विभाग से भी संपर्क साधा। बीते दिनों दिल्ली के एक उधोगपति ने निजीतौर पर फर्श निर्माण की इच्छा जताई थी।
जीपीआर (ग्राउंड पेन्ट्रेटिंग राडार) तकनीक से सम्पूर्ण परिसर का निरीक्षण किया गया
जिसकी मंजूरी मन्दिर के रिसीवर मथुरा मुंसिफ से मिलने के बाद अब फर्श पुर्निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। विगत दिनों दिल्ली से आई एक टीम ने मिट्टी के नमूने जांच को लिए थे। इसी क्रम में दिल्ली के ही तकनीकी विशेषज्ञों के सात सदस्यीय दल ने गौरव शर्मा के नेतृत्व में जीपीआर (ग्राउंड पेन्ट्रेटिंग राडार) तकनीक से सम्पूर्ण परिसर का निरीक्षण किया गया। भूगर्भीय तकनीक से छत के अलावा परिसर की लंबाई,चौड़ाई व जमीन के नीचे करीब 15 मीटर तक की वस्तुस्थिति का डाटा एकत्रित किया गया है। डाटा एनालिसिस के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यहाँ खास बात यह है कि इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार वाराणसी पुनरोत्थान योजना में किया गया था। इसके अलावा इस तकनीक का इस्तेमाल मेट्रो परियोजना में भी किया जाता है। मंदिर प्रबंधक मुनीश कुमार शर्मा ने बताया कि जल्द ही आईआईटी दिल्ली व पुरातत्व विभाग की एक टीम भी मन्दिर का निरीक्षण करेगी।
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