माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियों पर विपक्ष के कई नेताओं के सवाल उठाने पर बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा कि ऐसा करना ग़लत है और वो तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं.
पीयूष राय ने कहा, “ये ग़लत बात है. उनको तुष्टीकरण की राजनीति करनी है. दूसरे पक्षों के लिए उन्हें कोई न कोई मुद्दा चाहिए तो वो एक अपराधी में अपना मज़हब खोज कर रहे हैं. मेरा ये मानना है कि रमज़ान के महीने में ये फैसला आया है तो अल्लाह का दरबार कहिए या बाबा विश्वनाथ का दरबार कहिए.”
पिछले साल अप्रैल में मुख़्तार अंसारी को बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय हत्या मामले में 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी.
मुख़्तार अंसारी पर 1996 में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कोयला व्यापारी नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल होने का मुक़दमा दर्ज किया गया था.
साल 2005 में कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी.
कृष्णानंदन राय की पत्नी अलका राय ने कहा, “हमको तो बाबा विश्वनाथ पर पूरा भरोसा था, आज उनकी कृपा से मुझे न्याय मिला है. क्योंकि सीबीआई कोर्ट से भी हम लोग हार गए थे. योगी जी और मोदी जी का देन है कि हमको न्याय मिला है.”
अलका राय ने कहा, “इसमें कहना क्या है, मैं हमेशा बाबा के दरबार में न्याय मांगने आती थी. आज न्याय मिला है. देखिए होली का त्योहार हमलोग इस घटना के बाद नहीं बना पाते थे. आज हमको लगा कि आज का दिन होली का ही दिन है.”
मुख़्तार अंसारी के परिवार के सदस्य और कई विपक्षी नेता ने मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाए हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने इसकी जांच की मांग की है.
इस पर यूपी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने कहा कि किसी की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
-एजेंसी
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