brahmakumaris center jagner agra

आगरा में दो बहनों की आत्महत्या पर ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय से बीके करुणा ने कहा- हम स्तब्ध, करेंगे कार्रवाई, संस्था को 46 हजार बहनें चला रहीं

Crime

Live Story Time

Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India. प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय, शांतिवन, आबू रोड के निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क बीके करुणा ने कहा यूपी के आगरा स्थित जगनेर सेवाकेंद्र में रहने वाली दो बहनें एकता एवं शिखा के आत्महत्या प्रकरण पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि संस्थान बेहद दुखी और स्तब्ध है कि ऐसा कदम उन्होंने किन परिस्थितियों में उठाया है। इस मामले में पहले से कोई भी जानकारी संस्थान को नहीं थी।

बीके करुणा ने कहा है कि जिन लोगों का नाम सुसाईड नोट में लिखा है उसकी संस्थान अपने स्तर पर भी जांच कर रहा है। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। इसके साथ ही जिस धौलपुर निवासी नीरज नामक व्यक्ति का नाम सामने आया है, वह संस्थान में न तो समर्पित है और न ही संस्थान में रहता था। वह बाहर रहकर नौकरी करता था और आम लोगों की तरह आना-जाना करता था।

ब्रह्माकुमारीज संस्थान बहनों माताओं द्वारा संचालित दुनिया का एकमात्र संस्थान है। जहाँ बहनों को उच्च दर्जा और उनके स्वमान और स्वभिमान की रक्षा की जाती है। पिछले 87 सालों से यह संस्थान अपने उच्च आदर्शों और जीवन मूल्यों के लिए जाना जाता है। इस संस्थान में तकरीबन 46 हजार बहनें समर्पित होकर सेवायें दे रही है। साथ ही लाखों लोगों का जीवन बदला है। इस मामले में संस्थान गम्भीर है और पूरे मामले की जांच कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि ब्रह्माकुमारी आश्रम में रहने वाले दो सगी बहनों ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आश्रम से जुड़ी एक महिला समेत चार लोगों और कच्चा-चिट्ठा खोल दिया। बहनों ने रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों का पर्दाफाश किया। यहां थाना जगनेर क्षेत्र में शुक्रवार देर रात ब्रह्मकुमारी आश्रम में सगी बहनों एकता और शिखा ने आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को संबोधित करते हुए लिखा कि आरोपियों को आसाराम बापू की तरह ही आजीवन कारावास दिया जाए। सुसाइड नोट के तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा। शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिख दी, जबकि एकता नितिन पेज का सुसाइड नोट लिखा। शिखा ने लिखा कि दोनों बहनें एक वर्ष से परेशान थीं। उनकी मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला जिम्मेदार है। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।

एकता ने सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश किया। इसमें लिखा कि नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था। सेंटर बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल से हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी। उसका साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया। पंद्रह साल तक साथ रहने के बाद भी ग्वालियर वाली महिला से संबंध बनाता रहा। इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की।

सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके पिता ने सात लाख रुपये प्लाट के लिए दिए थे। ये उन्होंने आश्रम से जुड़े व्यक्ति को दिए थे। इसके साथ ही 18 लाख रुपये गरीब माताओं के उसी व्यक्ति ने हड़प लिए। सेंटर के नाम पर 25 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद ये लोग सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाते हैं। यज्ञ में बैठने लायक भी ये लोग नहीं हैं। धन हड़पने और महिलाओं के साथ अनैतिक कार्य करने वाले लोग दबंगई दिखाते हैं और अपनी पहुंच का भय दिखाकर कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता है।

एकता ने लिखा है कि योगी जी इनको आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास होना चाहिए। इन लोगों ने बहुतों के साथ गलत किया है। किसी से पैसे लाते हैं, उसी पर केस कर देते हैं। सुसाइड नोट में एकता ने यह भी लिखा कि यह लेटर मुन्नी बहन जी और मृत्युंजय भाई साहब के पास पहुंच जाए। पुलिस को आश्रम से सुसाइड नोट मिल गया है। इसमें लगाए गए आरोपों की पुलिस जांच कर रही है।

दोनों बहनों ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट आश्रम के ग्रुप में भेजे थे। इसे देखकर उनके परिवारीजन रात भागकर आश्रम पहुंचे, वहां दोनों बहनों के शव छत पर लगे पंखों के हुक से साड़ी के फंदे पर लटके मिले।

जगनेर कस्बे की रहने वाली 37 वर्षीया एकता और उसकी छोटी बहन शिखा (34 वर्ष) वर्ष 2005 में ब्रह्मकुमारी आश्रम से जुड़ी थीं। चार वर्ष पहले जगनेर में बसई रोड पर ब्रह्मकुमारी आश्रम बनने के बाद दोनों वहां रहने लगी थीं। आश्रम में उनके साथ एक अन्य युवती भी रहती है।

इन बहनों के भाई सोनू ने बताया कि शुक्रवार रात 11.18 बजे उनके वाट्सएप पर रूपवास ब्रह्मकुमारी आश्रम की बहन ने सुसाइड नोट भेजा। फोन करके एकता और शिखा द्वारा भेजे गए सुसाइड नोट की जानकारी दी। इस पर वह भागकर घर से 13  किलोमीटर दूर आश्रम पहुंचे। यहां दोनों बहनों को फंदे से लटका पाया।

दो बहनों की आत्महत्या की जानकारी मिलने पर डीसीपी सोनम कुमार भी मौके पर पहुंच गए। भाई सोनू ने पुलिस को बताया कि वह दो दिन पहले आश्रम में दोनों बहनों से मिलने आए थे। उस समय उनकी बातचीत से ऐसा कुछ नहीं लगा कि वह इस तरह का कोई कदम उठा सकती हैं। डीसीपी सोनम कुमार ने बताया एकता और शिखा ने सुसाइड नोट में आश्रम के कुछ कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

 

 

 

Dr. Bhanu Pratap Singh