आगरा: ‘मृत्यु कब कहां और कैसे हो आये किसी को पता नहीं है। काल कब आपको अपने आगोश में ले ले कोई नहीं जानता। हादसा किसी के साथ भी हो सकता है। मौत किसी की भी कही भी आ सकती है।’ यह कहना था भाजपा सांसद एवं किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर का। जो अतीक अहमद और उसकी भाई के मर्डर पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
शनिवार देर रात प्रयागराज में तीन हमलावरों ने अतीक और उसके भाई की ताबड़तोड़ गोलियां दागकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश में कर्फ्यू जारी कर दिया गया है। बताया जाता है कि इस हत्याकांड में एक सिपाही भी घायल हुआ था। पुलिस तीनों हमलावरों से लगातार पूछताछ कर रही है। वहीं इस घटना के बाद से पक्ष और विपक्ष से कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद और उसके भाई की ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर युवकों द्वारा की गई हत्या पर सांसद राजकुमार चाहर खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि मौत कहीं भी कभी भी और कैसे भी आ सकती है, उसका भरोसा नहीं किया जा सकता लेकिन इस पूरे मामले को लेकर सीएम योगी सख्त हैं। उन्होंने 17 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया है, साथ ही मामले की जांच एसटीएफ द्वारा कराए जाने के भी निर्देश जारी किए हैं।
कुछ दिनों पहले अतीक अहमद के बेटे असद की पुलिस एनकाउंटर में मौत हुई थी। उसको लेकर भी राजकुमार चाहर बोले कि अतीक उमेश पाल अधिवक्ता हत्याकांड में शामिल था। उसकी वीडियो और फोटो भी वायरल हुए थे जिसमें पर हथियार लहराते हुए दिखाई दिया था और मौके पर भी मौजूद था। हत्याकांड में नामजद होने के बाद एसटीएफ उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। झांसी में उसकी लोकेशन मिली। पुलिस और एसटीएफ पहुंची तो उन्हें देखकर उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी जिसके बाद पुलिस ने जबावी कार्रवाई को अंजाम दिया और असद की एनकाउंटर में मौत हो गई।
सांसद चाहर ने कहा कि जो भी सरकार और पुलिस को चुनौती देने का काम करेगा, कानून अपना काम करते हुए उसको मिट्टी में मिलाने का काम करेगा। जिस माफिया से जनता त्रस्त हो, आमजन परेशान हो, जो लोगों की हत्या करते हो, लोगों की जमीन पर कब्जा करते हो ऐसे लोगों से प्रदेश ही नहीं देश की जनता मुक्ति चाहती है। जो भी पुलिस को और कानून को चुनौती देगा उसका हश्र यही होगा।
अतीक की हत्या के बाद समूचा विपक्ष योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। इस पर बात करते हुए सांसद चाहर ने कहा कि घटना की जानकारी के बाद तत्काल 17 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया और जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सपा को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, उनकी सरकार में तो खुलेआम पुलिस अधिकारियों को गोलियों से भून दिया जाया करता था और आज जब किसी अपराधी को उत्तर प्रदेश पुलिस एनकाउंटर में मार गिराती है तो विपक्ष सवाल खड़े करता है।
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