Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा छावनी क्षेत्र के कई मोहल्लों में मोबाइल टॉवर नहीं होने के कारण वहां रहने वाली आम जनता का आपस में पारिवारिक-व्यापारिक रिश्ता बाहर की दुनिया से टूट गया है। बच्चे ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। हैलो-हैलो करते रहो, कोई बात नहीं हो पाती है। हाल इतना बुरा है कि वॉट्सऐप कॉल भी नहीं लगती है। मोबाइल खिलौना बनकर रह गए हैं।
आगरा मण्डल व्यापार संगठन के व्यापारी नेताओं ने कहा है कि छावनी परिषद में पहले मोबाइल टॉवर प्राइवेट इमारतों पर लगे हुये थे। छावनी परिषद ने उन टॉवर्स को इसलिए हटा दिया ताकि वह अपनी छावनी की जमीन पर लगें और उसका किराया वसूल कर सके। छावनी से टॉवर हटे हुए लगभग एक साल हो चुका है और वहां पर आज तक कोई भी टॉवर न तो छावनी की जमीन पर और न ही अन्य जगहों पर पुनः स्थापित हो सके हैं। इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देश में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है, लेकिन छावनी में टॉवर न होने के कारण बच्चे ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना के कारण मरीज भी डाक्टरों से फोन पर सम्पर्क नहीं कर पा रहे हैं।
छावनी परिषद के अधिकारियों ने इस बात को अभी तक गम्भीरतापूर्वक नहीं लिया है। इस सम्बन्ध में छावनी परिषद ने कई बार टेण्डर निकाले हैं लेकिन अधिकारियों व टेण्डर डालने वालों में आज तक सामंजस्य स्थापित न हो पाने की स्थिति में छावनी में टॉवर नहीं लग पा रहे हैं। इस कारण व्यापारियों व आम जनता को काफी आर्थिक व मानसिक क्षति हो रही है।
आगरा मण्डल व्यापार संगठन के व्यापारी नेताओं ने रोष प्रकट करते हुए कहा है कि अगर जल्दी से जल्दी छावनी क्षेत्र में मोबाइल टॉवर नहीं लगवाये गये तो मजबूर होकर जनता को आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। रोष प्रकट करने वालों में संगठन के पवन बंसल, चरनजीत थापर, किशन कुमार गोयल, डॉ. धीरज मोहन सिंघल, आनन्द अग्रवाल, रिंकू अग्रवाल, रामप्रकाश अग्रवाल, वीरेन्द्र गुप्ता, सुनील अग्रवाल, अखिल बंसल, प्रवीन कटारा, दिनेश यादव, सौरभ जसौरिया, मुन्ना लाल गुप्ता, पारस जैन, राजकुमार अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल आदि हैं।
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