केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल NDRF के वार्षिक सम्मेलन को सम्बोधित किया। अमित शाह ने कहा कि हम जब आपदा प्रबंधन की बात करते हैं तो आपदा प्रबंधन हमारे देश में कोई नई बात नहीं है। आज उत्तराखंड की पहाड़ियों से गंगा को बंगाल तक पहुंचाया गया है तो इससे पता चलता है कि वैज्ञानिक तरीके से इसे बनाया गया है।
गृहमंत्री ने कहा कि दुनियाभर के आपदा के क्षेत्र में एनडीआरएफ ने अपना एक सिक्का जमाया है। कई बार पड़ोस के देशों में जाकर भी मानवता को दिखाने का काम किया है। भारत को विश्व तक पहुंचाने का भी काम किया है। 2000-2022 तक के समय में भारत ने ढेर सारी यात्रा की है।
उन्होंने कहा कि तकनीक और विज्ञान के कारण आज सूचनाएं हमें मिल जाती हैं, वैसी स्थिति नहीं है कि अचानक हमें जानकारी मिलती हो। हमें समय के पहले सूचनाएं मिलती हैं। जिस प्रकार की आपदा आने वाली है, वहां लोगों को सजग करना जैसे काम पहले किए जाते हैं।
कितना भी बड़ा साइक्लोन आ जाए हम उससे निपट सकते हैं
अमित शाह ने कहा, मैंने 2001 में गुजरात का भुकंप देखा है उसमें हज़ारों लोगों ने अपनी जान गंवाई। 1999 के उड़ीसा के सुपर साइक्लोन को देखा जिसमें 10,000 से ज़्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी आज हम उस मुकाम पर खड़े हैं जहां कितना भी बड़ा साइक्लोन आ जाए हम उससे निपट सकते हैं।
-एजेंसियां
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