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न्यूटन ने कहा- हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, किन्तु अध्यात्म कुछ और ही कहता है, पढ़िए जैन साध्वी वैराग्य निधि का प्रवचन

RELIGION/ CULTURE

धर्म का मर्म समता: वैराग्य निधि महाराज

पर्यूषण महापर्व में 26 अगस्त को कल्पसूत्र वाचन

Agra, Uttar Pradesh, India. श्वेताम्बर जैन समाज के पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व के दूसरे दिन जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने कहा कि धर्म का मर्म समता है। हर परिस्थिति में समान रहना चाहिए। हीर विजय सूरि उपाश्रय, श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर, रोशन मोहल्ला में पर्यूषण प्रवचन और अन्य कार्यक्रम चल रहे हैं।

 

साध्वी महाराज ने कहा- न्यूटन ने कहा कि हर क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है, किन्तु अध्यात्म कहता है कि बाहर क्रिया हो लेकिन भीतर प्रतिक्रिया न हो। निस्तरंग शांत सरोवर की तरह हमारा मानस पटल हो। सम्मान में मन सामान्य रहे और अपमान में मन परेशान न हो, यह साधना की कसौटी है। क्षमता हो सत्ता, संपत्ति  व संसाधनों की किन्तु क्षमता के साथ समता मिले, यही मानव की वास्तविक और पारमार्थिक विजय माला है।’

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प्रवचन सुनती जैन समाज की मातृशक्ति

जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि 26 अगस्त को 5 ज्ञान व श्री कल्पसूत्र जी की बोली सभा में बोली जाएगी। अक्षय निधि तप एवं मोक्ष तप के एकासने के पारने के लाभार्थी प्रेम चंद, अनुज कुमार डागा (अमेरिका) रहे। आज की प्रभावना के लाभार्थी संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन, चातुर्मास समिति प्रमुख सुनील कुमार जैन, आशीष जैन परिवार रहा।

 

कार्यक्रम में विनय चंद लोढ़ा, कमल चंद जैन, विजय सेठिया, सुनील जैन, मनीष वागचर, बिजेंद्र लोढ़ा, निखिल जैन, अंकित पाटनी, संजय, दिनेश चौरड़िया, प्रमोद, गौरव ललवानी, शैलेंद्र वरड़िया, कवीश दूगड़, अशोक कोठारी, राजेंद्र धारीवाल, पंकज लोढ़ा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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प्रवचन सुनते श्रावक
Dr. Bhanu Pratap Singh