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मुख्यमंत्री जी! बुड्ढों का शहर बनता जा रहा आगरा, ये काम करें यो युवाओं का पलायन रुके

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Agra, Uttar Pradesh, India. नेशनल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान ताजमहल के शहर आगरा की सबसे बड़ी समस्या की ओर खींचा है। चैम्बर ने कहा है- आगरा बुड्ढों का शहर बनता जा रहा है। इसका कारण यह है कि रोजगार की तलाश में युवा पलायन कर रहे हैं। चैम्बर ने इस समस्या का निदान भी सुझाया है। मांग की है किआगरा में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट कराई जाए। चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में एक पत्र लिखा है। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के आयोजन में चैम्बर अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।

 

पत्र में कहा है  – आगरा सदैव से एक महत्वपूर्ण शहर रहा है।   पूर्व में आगरा को देश की राजधानी होने का गौरव प्राप्त था।  आगरा के चारों कोनों पर बड़े शिवालय स्थित हैं। यमुना किनारे स्थित होने के कारण व्यापारिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण शहर रहा था।   यहां के फाउंड्री उद्योगों का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है।  राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों की सीमाओं के निकट स्थित है।  अतः प्राकृतिक सम्पदाओं की दृष्टि से इसका एक बड़े क्षेत्र से संपर्क रहा है।  आगरा में ताजमहल होने से पूरी दुनिया में पर्यटन नगरी के रूप में जाना जाता है।  लाखों देशी-विदेश पर्यटकों का आवागमन होता रहता है।

 

सन 1996 में टीटीजेड घोषित होने के कारण इसे जो औद्योगिक हानि हुई है उसकी भरपाई के लिए अभी तक कोई भी योजना नहीं आ सकी है।  किसी समय में फाउंड्री उद्योग, डीजल एवं जनरेटर इंजन उद्योग, हस्तकला में ख्याति प्राप्त यह शहर आज इतना पिछड़ चुका है कि यहां के नवयुवक रोजगार के लिए आगरा से लगातार पलायन कर रहे हैं। आगरा बूढ़ों का शहर बनता जा रहा है। आगरा की अर्थव्यवस्था को बढ़ाए जाने की महती आवश्यकता है अन्यथा आगरा धीरे धीरे पूरी तरह से उजड़  जाएगा।

 

श्री मनीष अग्रवाल ने कहा है कि आगरा में पुनः उद्योगों की स्थापना के लिए आवश्यक है कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का आयोजन कराया जाए, जिससे आगरा की उपयुक्तता का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार देश-दुनिया के छोटे-बड़े निवेशकों के मध्य हो सके। आगरा में निवेशकों को आकर्षित करने की जरूरत है।वर्तमान में विभिन्न राज्यों द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण शहरों में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के आयोजन किए जा रहे हैं।

 

आगरा आज की परिस्थितियों में आईटी  सिटी, सोलर सिटी, गारमेंट हब, फूड प्रोसेसिंग एवं हस्तशिल्प उद्योग, चिकित्सीय उत्पाद उद्योग तथा उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों के लिए बहुत ही उपयुक्त शहर है।  जूता उद्योग में यह देश में अग्रणी है।  पूरे देश का लगभग 30% जूता आगरा से निर्यात किया जाता है।  फूड प्रोसेसिंग के लिए आगरा बहुत ही उपयुक्त है क्योंकि आगरा कृषि क्षेत्र में अग्रणी है। आलू उत्पादन में तो पूरे देश में अग्रणी है।  पूरे  देश का एक तिहाई आलू आगरा क्षेत्र में पैदा होता है।  लगभग तीन सौ शीतगृह स्थापित है, जिनकी छत सोलर पैनल लगाने के लिए बहुत ही उपयुक्त है।  शीतगृह स्वामी सोलर पैनल लगाने के लिए तत्पर हैं किन्तु आगरा में पावर ग्रिड स्थापित न होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।  आगरा में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री न होने के कारण आलू उत्पादक किसानों को उनके उत्पादन का सही मूल्य भी नहीं मिल पाता है।

 

श्री मनीष अग्रवाल ने बताया– वर्तमान में आगरा राष्ट्रीय राजमार्गों, रेल मार्गों, वायु मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों  अच्छी तरह से कनेक्टेड है।   डोमेस्टिक फ्लाइट्स चालू हो गईं हैं। निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी दूर नहीं है।  न्यू दक्षिणी बाईपास, यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा एक्सप्रेस वे, नेशनल हाईवे-29 के सिक्सलेन करण होने से एवं आगरा में रिंग रोड के निर्माण होने से सभी शहरों से बड़े वाहनों के आवागमन की सुविधा सर्वोत्तम हो गई है।  नई दक्षिणी बाईपास के निकट से ही उत्तरी बाईपास प्रस्तावित है।  न्यू दक्षिणी बाईपास मार्ग के दोनों ओर उद्योगों के स्थापित करने के लिए बहुत बड़े क्षेत्रफल में भूमि उपलब्ध है।  यहाँ  लैंड बैंक बनाकर बड़े स्तर पर उद्योगों की स्थापना की जा सकती है जो शहर से 15-20 की किमी दूर होने के कारण शहर के पर्यावरण को बिना प्रभावित किए हर जगह के लिए आवागमन की दृष्टि से भी बहुत ही उपयुक्त स्थल है। आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा 2031 परियोजना में यहीं नया ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित है।  प्रस्तावित ग्रेटर आगरा में भी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। तीर्थस्थल मथुरा-वृंदावन के विस्तारीकरण की योजना भी प्रस्तावित है। इस तरह इस शहर को पर्यटन के साथ साथ धार्मिक लाभ भी मिलता है।  वैसे भी पौराणिक शास्त्रों में रेनुका घाट, पश्चिमाई,  कैलाश, मनःकामेश्वर मंदिर आदि का आगरा का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व है।   विभिन्न प्रकार से आगरा में पूंजी निवेश की अपार संभावनाएं हैं, केवल इसकी उपयुक्तता को वृहद स्तर पर प्रचार की आवश्यकता है।

 

वर्तमान में सरकार की  महत्वाकांक्षी योजना 1050 एकड़ भूमि में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाए जाने  पर कार्य नेशनल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन, नई दिल्ली द्वारा चल रहा है। आईटी पार्क का निर्माण कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है। 45 एकड़ में मिनी एम्स की योजना है। शीघ्र ही में यूपी के 7 शहरों में से इसे एक इंटरनेट एक्सचेंज भी मिल चुका है। अतः इस समय आगरा में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट होने से इन योजनाओं को पंख लग सकेंगे और आगरा अपनी औद्योगिक अर्थव्यवस्था को  शीघ्र ही पूर्व की तरह प्राप्त करने लगेगा।

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Dr. Bhanu Pratap Singh