नार्को-टेरर: दिल्ली पुलिस ने ज़ब्त किया 1200 करोड़ रुपये का ड्रग्स – Up18 News

नार्को-टेरर: दिल्ली पुलिस ने ज़ब्त किया 1200 करोड़ रुपये का ड्रग्स

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नई दिल्‍ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का नार्को-टेरर पर बड़ा एक्शन देखने को मिला है। उसने दिल्ली में 1200 करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी है। इस ड्रग्स को बेचकर आने वाली रकम का इस्तेमाल हिंदुस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा था।

दिल्ली पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलत मिली है। स्पेशल सेल ने दो अफगान नागरिकों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से 312.5 किलोग्राम (3 क्विंटल) मेथमफेटामाइन और 10 किलो हेरोइन के जब्त की है। जब्त की गई ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1200 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि, ड्रग्स को बेचकर आने वाली रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाना था।

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों अफगान नागरिकों की पहचान मुस्तफा और रहिमुल्लाह के रूप में हुई है। दोनों नारको टेरर सिंडिकेट के तहत बड़े लेवल पर ड्रग्स सप्लाय करते थे। बताया जा रहा है कि इनके पास से मेथमफेटामाइन और हेरोइन की सबसे बड़ी खेप मिली है, तो अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी खेप है। जब इन अफगानियों को पकड़ा गया तब इनके पास से बहुत ही कम माज्ञा में ड्रग्स बरामद किए थे, मगर पूछताछ करने पर उनके पास ड्रग्स का इतना बड़ा जखीरा पाया गया।

ये ड्रग्स की खेप पहले तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वहां से दिल्ली लाई गई थी। इसकी सप्लाई दिल्ली से हरियाणा, पंजाब, हिमांचल और राजस्थान में की जानी थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है, “ऑपरेशन के तहत हमने 312 किलो का मेथमफेटामाइन पकड़ा है। जिन दो अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, उनके ऊपर पहले से सर्विलांस था। हमने एक जानकारी के आधार कालिंदी के पास एक कार से ये ड्रग्स बरामद हुआ है।”

पुलिस ने बताया, “3 सितम्बर को कालिंदी कुंज के पास जब इन्हें पकड़ा गया, तब इनकी गाड़ी से लगभग 2.5 किलो ड्रग्स पकड़ी गई। इनसे पूछताछ के बाद नोएडा से मेथपमेटाफीन पकड़ी गई। इसके बाद लखनऊ के एक गोदाम से छापेमारी के दौरान 606 बैग बरामद किए गए। यह देश के इतिहास में मेथामफेटामाइन दवाओं की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है। ये मेथाफेटामाईन अफगानिस्तान से समुद्र के रास्ते ईरान आया था, ईरान से अरब सागर होते हुए दक्षिण भारत के पोर्ट लाया गया था।”

 

Dr. Bhanu Pratap Singh