वृंदावन। ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी मंदिर के तोषखाने (खजाने) का सर्च ऑपरेशन पूरा हो चुका है, लेकिन रहस्य अभी भी कायम है। मंदिर सेवायतों के बीच अब इस खजाने को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। कुछ सेवायतों का कहना है कि खजाने में कुछ नहीं मिला, जबकि अन्य का दावा है कि असली खजाना उस बक्से में है, जो वर्ष 1971 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मथुरा शाखा के स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कराया गया था।
सेवायतों का कहना है कि बैंक में रखे उस बक्से के साथ एक विस्तृत सूची भी जमा की गई थी, जिसमें उस समय के बहुमूल्य जेवरात, आभूषण, सेवा पात्र, सिंहासन, झूला, नकदी, एफडी और अन्य चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा दर्ज था। बुजुर्ग सेवायतों के अनुसार, उस सूची की कई प्रतिलिपियां तैयार की गई थीं, लेकिन अब वे किसी के पास उपलब्ध नहीं हैं। संभव है कि एक प्रति अभी भी उसी बक्से में सुरक्षित रखी हो।
इतिहासकार आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि अंदरूनी तोषखाने में बहुत कम सामग्री मिलने के बाद भक्तों और सेवायतों के बीच बाहरी खजाने की सुरक्षा को लेकर शंका गहराने लगी है। उन्होंने कहा कि “बांकेबिहारीजी महाराज के नाम पर जो धन-संपत्ति वर्षों से संग्रहित है, उसे हाई पावर्ड कमेटी द्वारा तत्काल संरक्षित किया जाना चाहिए।”
दो दिन चला सर्च ऑपरेशन, मिले कुछ रत्न व चांदी की वस्तुएं
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मंदिर प्रबंधन हाई पावर्ड कमेटी के निर्देश पर प्रशासन ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की देखरेख में मंदिर के तोषखाने का ताला खोला था। दो दिनों तक चले सर्च ऑपरेशन में अधिकारियों को सोने-चांदी की चार छड़ियां, चांदी का छोटा छत्र, कुछ रत्न, तांबे के दो सिक्के और बर्तन मिले। इसके बाद सोशल मीडिया पर खजाने की चर्चा जोर पकड़ गई।
यह मुद्दा राजनीति तक पहुंच गया — सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि “भगवान का खजाना सुरक्षित नहीं, तो जनता का क्या होगा।”
बैंक में जमा बक्सा बना रहस्य
वर्ष 1971 में मंदिर की तत्कालीन प्रबंधन कमेटी — जिसमें प्यारेलाल गोयल अध्यक्ष और कृष्णगोपाल, दीनानाथ, केवलकृष्ण, रामशंकर, शांतिचरण पिंडारा सदस्य थे — ने मंदिर के बहुमूल्य जेवरात से भरा बक्सा बैंक में जमा कराया था। उस समय मुंसिफ मथुरा की देखरेख में यह प्रक्रिया संपन्न हुई थी।
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या बैंक में रखे इस बक्से को खोला जाना चाहिए, ताकि असली खजाने और सूची के रहस्य से पर्दा उठ सके। सेवायतों और भक्तों की मांग है कि हाई पावर्ड कमेटी बैंक बक्से की जांच भी कराए, जिससे श्रीबांकेबिहारीजी की संपत्ति का पूरा ब्योरा सार्वजनिक हो सके।
साभार – मीडिया रिपोर्ट्स
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