Most people do not know, when to give honey to small children

अधिकांश लोग नहीं जानते, छोटे बच्चों को शहद कब देना चाहिए

HEALTH


हम अक्सर सुनते हैं कि छोटे बच्चों को शहद चटाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि छोटे बच्चों को शहद कब देना चाहिए और वास्तव में इसके फायदे क्या हैं।
शहद में प्राकृतिक मिठास के साथ ही कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे न सिर्फ छोटे बच्चों के शरीर को ऊर्जा मिलती है बल्कि इम्युनिटी भी मजबूत होती है। यही कारण है कि अधिकांश घरों में सबसे पहले बच्चे को शहद चटाया जाता है।
बच्चों को शहद कब खिलाना चाहिए?
आमतौर पर 1 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बच्चों को शहद चटाना चाहिए।
दरअसल, एक वर्ष के बाद बच्चों को शहद देने से किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है और बच्चों को आहार का स्वाद भी समझ में आने लगता है।
बच्चों को शहद खिलाने के फायदे
1 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बच्चों को समय पर शहद खिलाने से त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे एक्जिमा या सोरायसिस नहीं होता है। इसके अलावा भी शहद चटाने से स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं।
एनर्जी देने में
शहद का सेवन करने से बच्चा तंदुरुस्त रहता है और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है।
सूजन दूर करने में
शहद में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो बच्चों के शरीर में सूजन की समस्या को कम करता है और आंतरिक अंगों को भी मजबूत रखता है।
एसिडिटी दूर करने में
छोटे बच्चों के पेट में अक्सर कब्ज या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होती है। बच्चे को शहद खिलाने से पेट संबंधी समस्याएं और एसिडिटी दूर हो जाती है।
ओरल हेल्थ के लिए
दूध पीने के कारण कई बार बच्चों के मुंह से दुर्गंध आती है। ऐसी स्थिति में बच्चे को शहद चटाने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है। शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।
लिवर स्वस्थ रखने में
शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो इम्युनिटी को बढ़ाने के साथ ही लिवर को भी सुरक्षा प्रदान करता है। बच्चे की इम्युनिटी मजबूत होने पर बीमारियों से बचाव होता है।
बच्चों को शहद कैसे दें?
बच्चों को चम्मच या निपल से कम मात्रा में शहद देना चाहिए। इससे यह जानने में आसानी होती है कि शहद से बच्चे को कोई एलर्जी हो रही है या नहीं। इसके अलावा बच्चों को निम्न तरीकों से शहद दिया जा सकता है:
ओटमील में शहद मिलाकर
जैम की जगह ब्रेड पर शहद लगाकर
दही में शहद मिलाकर
स्मूदी में शहद मिलाकर
​बच्चों को शहद देते समय इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों को हमेशा शुद्ध शहद देना चाहिए।
एलर्जी होने पर बच्चे को शहद देना बंद कर देना चाहिए।
शहद में चीटियां लग गयी हों तो बच्चे को न दें।
इस तरह औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण एक वर्ष के बाद बच्चों को शहद खिलाना बेहद फायदेमंद होता है। हालांकि डॉक्टर की सलाह लेकर ही बच्चे को शहद देना चाहिए।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh