मोदी सरकार ने घटाईं रोजमर्रा में इस्‍तेमाल होने वाली 100 दवाओं की कीमतें

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लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने रोजमर्रा की 100 दवाओं की कीमत कम कर दी है। इससे देश लाखों लोगों को फायदा होने जा रहा है। कोलेस्ट्रॉल हो या शुगर। ब्लीडिंग हो फिर इन्फेक्शन इनका इलाज कराना सस्ता होगा। रसायन और उर्वरक मंत्रालय यानी मिनिस्ट्री ऑफ कैमिकल एंड फर्टिलाइजर्स अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स के नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।

31 दवाओं की सीलिंग प्राइस तय

एनपीपीए ने 69 नए फॉर्मुलेशन के रिटेल दाम और 31 की सीलिंग प्राइस तय कर दी है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके कारण कोलेस्ट्रॉल, इन्फेक्शन, ब्लीडिंग, कैल्शियम, विटामिन डी3, शुगर, दर्द, बुखार, बच्चों के एंटीबायोटिक्स समेत 100 दवाएं सस्ती हो गई हैं। बच्चों की एंटीबायोटिक्स दवाएं सस्ती होने से बाल स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार के फोकस को जाना जा सकता है।

एंटीवेनम दवा भी हुई सस्ती

एनपीपीए के नई अधिसूचना के साथ ही एंटीवेनम यानी प्रतिविष दवाएं भी सस्ती हो गई हैं। एंटीवेनम का इस्तेमाल सांप के काटने का इलाज करने के लिए होता है। मानसून की बारिश में बड़ी संख्या में किसानों की मौत सांप काटने के कारण हो जाती है। किसानों का ख्याल रखते हुए मोदी सरकार ने इस लिस्ट में इसे भी शामिल किया है। अब इससे हजारों किसानों की जान बच सकेगी।

नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी क्या है?

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण देश में दवाओं की कीमत निर्धारित और नियंत्रित करने का काम देखता है। यह भारत सरकार का एक संगठन है। इसे औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश के तहत बनाया गय है। दवा नीति में बदलाव और संशोधन के साथ दवाओं के मूल्य को नियंत्रित करना इसका काम है।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh