मोदी सरकार ने सभी पेट्रोल पंपों पर USO लागू किया

मोदी सरकार ने सभी पेट्रोल पंपों पर USO लागू किया

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पिछले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि वहां पर पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल खत्म हो गया है। इसके चलते कुछ अफवाहें भी फैलीं की पेट्रोल का स्टॉक खत्म होने वाला है। दरअसल, ये सब हुआ उन प्राइवेट प्लेयर्स की वजह से जिन्होंने तेल की कीमतें 2-5 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दीं। ऐसा होते ही लोग सरकारी पेट्रोल पंपों की तरफ भागे और नतीजा ये हुआ कि अचानक बढ़ी डिमांड की वजह से पेट्रोल खत्म हो गया। इसी के चलते अब सरकार ने हर पेट्रोल पंप को यूएसओ के दायरे में ला दिया है।
अब नहीं चलेगी निजी पेट्रोल पंपों की मनमानी
मोदी सरकार ने प्राइवेट प्लेयर्स की मनमानी को रोकने के लिए शुक्रवार को यूएसओ (USO) यानी यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन लागू कर दिया है। इससे उन प्राइवेट पेट्रोल पंपों पर नकेल कसी जा सकेगी, जो मनमाने तरीके से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा रहे हैं। पेट्रोल की कीमत में 2-3 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 3-5 रुपये की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। निजी कंपनियों की तरफ से दाम बढ़ाए जाने की वजह से सरकारी पंपों पर भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में उन पेट्रोल पंपों पर सप्लाई बिगड़ गई है, जो दूर-दराज के इलाकों में स्थित हैं। पेट्रोल खत्म होने की समस्या मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में अधिक दिखी, जहां प्राइवेट प्लेयर्स की संख्या अधिक है।
पेट्रोल पंपों के यूएसओ के तहत आने का क्या मतलब?
यूएसओ के तहत हर पेट्रोल पंप को पूरे कामकाजी घंटों के दौरान बिना किसी भेदभाव के सभी ग्राहकों को पेट्रोल-डीजल देना होगा। इतना ही नहीं, उन्हें सरकार की तरफ से तय किया गया न्यूनतम स्टॉक भी रखना होगा। साथ ही ग्राहकों को सही दाम पर डीजल-पेट्रोल की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। यानी यूएसओ लागू होने के बाद निजी पेट्रोप पंप ना तो कीमतें बढ़ाकर पेट्रोल बेच सकेंगे, ना ही ये बहाना बना पाएंगे कि उनके पास पेट्रोल खत्म हो गया है।
निजी कंपनियां क्यों बढ़ा रही हैं दाम
प्राइवेट पेट्रोल पंप फ्यूल की कीमतें बढ़ाकर पेट्रोल इसलिए बेच रहे हैं, ताकि वह अपने नुकसान को कम कर सकते हैं। इसका एक दूसरा मकसद ये भी है कि लोग उनके यहां से कम पेट्रोल खरीदें। दरअसल, इस वक्त कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचे हैं, जबकि मौजूदा पेट्रोल-डीजल भाव कच्चे तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तय किए गए हैं। सरकारी पेट्रोल पंपों ने अपने काम के घंटे बढ़ा दिए हैं और साथ ही नाइट शिफ्ट भी शुरू कर दी है। साथ ही पेट्रोल पंपों पर अधिक पेट्रोल की सप्लाई की जा रही है। जिस शहरों में पेट्रोल की किल्लत हो रही है, वहां पर अधिक फ्यूल सप्लाई किया जा रहा है।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh