dandiya garba

शरद पूर्णिमा की की वो रात, तन्मय चतुर्वेदी का साथ और ढोली तारो ढोल बाजे… देखें तस्वीरें

ENTERTAINMENT NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

नटरांजलि थिएटर आर्ट्स की निदेशक अलका सिंह ने आगरा की जमीं पर उतारा चांद

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. नटरांजलि थिएटर आर्ट्स की निदेशक अलका सिंह ने 20 अक्टूबर की अपराह्न बाद मुझे फोन किया। कहा कि आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-14 में है राज रॉयल गार्डन आना है। डांडिया करना है। यह भी कहा कि भाभी को भी लाना है। मैंने हां कर दी। पत्नी घर की सफाई में व्यस्त थीं। मैंने उनसे निवेदन किया- शरद पूर्णिमा के कार्यक्रम में चलना है। अलका जी ने बुलाया है। वैसे तो वे ना-नुकुर करतीं लेकिन अलका जी के नाम पर हामी भर दी। सात बजे चलने की बात हुई। आप तो जानते हैं कि महिला को घर में बहुत सारे काम होते हैं। विलम्ब हो गया। हम सात बजे के स्थान पर ठीक आठ बजे निर्धारित स्थल पर पहुंच गए। द्वार पर ही कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यक्रम चल रहा था। सुर की देवी मां सरस्वती और कला के देवता नटराज को साक्षी बनाया गया था। अतिथियों का स्वागत चल रहा था। हम पहुंचे तो हमारा भी स्वागत हुआ। इस काम में अलका सिंह के साथ डॉ. राहुल राज और डॉ. मदन मोहन शर्मा सहयोग कर रहे थे।

विजेताओं के साथ एक फोटो तो बनती है।

फिर सब मंच के समक्ष कुर्सियों आकर विराजमान हो गए। बच्चों का काव्यपाठ और नृत्य शुरू हो गया। मुझे और मेरी पत्नी इन्दु सिंह को निर्णायक मंडल में शामिल कर लिया गया। रोहित कत्याल ने मेरे हाथ में एक रजिस्टर और कलम थमा दी। कहा कि नाम लिखो और प्रथम, द्वितीय, तृतीय का चयन करो। मुझे लगा कि यह हमें कार्यक्रम अंत तक रोके रखने की ‘योजना’ है। खैर, अलका सिंह ने कहा तो मना भी नहीं कर सकते थे। वैसे हमने सोचा यह था कि एक घंटा रहेंगे और चुपके से खिसक लेंगे, लेकिन ऐसा हो न सका। इस सोच के पीछे कारण भी था कि इन्दु सिंह का पूर्णमासी का व्रत था। घर पर मैंने कुछ खाने नहीं दिया। मैंने डांस गुरु टोनी फास्टर से पता लगा लिया था कि वहां जलपान भी है। मैंने यह सूचना पत्नी को दे दी। इसलिए उन्होंने भी जिद नहीं की। हां, उनके पेट में लगातार चूहे कूद रहे थे।

पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं डांस गुरु टोनी फास्टर। इसी कारण सबसे अंत में उनका सम्मान हुआ। साथ में डॉ. मदन मोहन शर्मा, डॉ. राहुल राज, रोहित कत्याल और अलका सिंह।

ईश्वर ने हमें जितनी बुद्धिमत्ता दी है, उस हिसाब से प्रतिभागियों में से विजेताओं का चयन कर दिया। आगरा के कई लोगों ने कर्णप्रिय फिल्मी गाने सुनाए। पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले.. यह गाना कभी मैं बहुत गुनगुनाया करता था। जब यह गाना सुनने को मिला तो मन प्रफुल्लित हो उठा। मेरी गर्दन और कंधे हिलते देख पत्नी आँखों में मुस्करा उठी। मैंने उनसे कहा- चलो नृत्य करते हैं। यह सुनकर उन्होंने आँखों ही आँखों में इनकार कर दिया। भगवान गणेश पर केन्द्रित समूह नृत्य ने हर किसी को कुर्सी पर मानो बांध लिया हो। अलका सिंह लगातार उद्घोषणा कर रही थीं। उनके साथ नन्हा बालक खुशनव खिरवार अपने संचालन कौशल से सबका मनोरंजन कर रहा था। उसकी चपलता देखते ही बनती थी। जनसंदेश टाइम्स के संपादक नितेश शर्मा को नाम सम्मान के लिए पुकारा गया लेकिन पता नहीं चला कि वे कब बच्चों के साथ चले गए। वैसे, जब भी सम्मान की बात आती है तो नितेश शर्मा अदृश्य हो जाते हैं। मैंने लाइव स्टोरी टाइम के फेसबुक बेज पर लगातार लाइव भी किया।

डॉ. भानु प्रताप सिंह को महारास किंग और डॉ. मदन मोहन शर्मा को रनरअप के रूप में सम्मान दिया अलका सिंह और डॉ, राहुल राज ने।

हर किसी को प्रतीक्षा थी सारेगामापा फेम तमन्य चतुर्वेदी की। साथ में उनकी बहन तांशी चतुर्वेदी की। रात 10 बजे के बाद उन्हें मंच पर लाया गया। साथ में उनके माता-पिता भी थे। मुझे लग रहा था कि वे काफी सजे-धजे होंगे लेकिन बड़ी सामान्य सी वेशभूषा में थे। पीला कुर्ता और जींस। तन्मय चतुर्वेदी ने मंच पर आते ही पूरे जोश के साथ उपस्थित सभी प्रतिभागी, अतिथि एवं आयोजकों को अपनी जादुई आवाज़ संग झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने एक से एक शानदार गीत प्रस्तुत किए। तन्मय को देखकर प्रथम दृष्टया लगता नहीं है कि उनकी आवाज में इतनी मिठास है। चौघाड़ा ताड़ा…, ढोली तारो ढोल बाजे…, वो कृष्णा है…, रात की रानी तेरा रूप बड़ा महका सा….., अरे रे मैं तो गया रे दिल भी गया रे… तांशी चतुर्वेदी ने नगाड़े संग ढोल बाजे… एक के बाद एक गीत गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। सबके सब डांडिया करने लगे। कुछ कर पा रहे थे तो कुछ ऐसे ही हाथों को हिलाकर मटक रहे थे। कुर्सियां पीछे की गईं। महिलाओं के कई समूह बन गए। तन्मय चतुर्वेदी मंच से नीचे आ गए। महिलाएं उनकी ओर मुखातिब होकर डांडिया करने लगीं। डांडिया से अधिक फोटो शूट हो रहा था। अपने हरिओम गहलौत का कैमरा यत्र-तत्र सर्वत्र घूम रहा था। कैमरामैन राजू भाई और रैम्बो का मोबाइल चलायमान था।

ये देखिए तन्मय चतुर्वेदी की तान पर डांडिया क्वीन की मस्ती।

महिलाएं खूब श्रृंगार करके आई थीं। इनमें से विजेताओं को छांटना था। यह जिम्मेदारी मुझे दी गई थी। अब मेरे सामने समस्या यह थी कि अपनी पत्नी से अधिक ‘कमनीय’ किसी और को कैसे बताऊं सो मैंने अलका सिंह, टोनी फास्टर और रोहित कत्याल से निवेदन किया कि आप ही डांडिया क्वीन और डांडिया प्रिंसेज आदि का चयन करें। मेरा निवेदन स्वीकार कर लिया गया। इस दौरान बीच-बीच में श्री गौतम ने मनोरंजन से भरपूर संचालन किया। उन्होंने प्यार से पगी बृज भाषा का भी प्रयोग किया तो मुझे बहुत आनंद की अनुभूति हुई। वह इसलिए कि बृज भाषा मंच की भी शोभा बढ़ा रही है। उन्होंने महिलाओं को लेकर ऐसी बातें कहीं कि हर कोई हँस पड़ा।

सारेगामापा फेम तन्मय चतुर्वेदी और तांशी चतुर्वेदी की सुरीली आवाज पर हर कोई झूम उठा।

पुरस्कार बांटने की बारी आई लेकिन तब तक विलम्ब हो चुका था। अधिकांश लोग चुपचाप खिसक लिए थे। वे लोग रह गए थे जो अलका सिंह की तीव्र दृष्टि से ओझल नहीं हो पा रहे थे या जिन पर व्यवस्थापरक जिम्मेदारी थी और जिन्हें पुरस्कार मिलने की आशा थी। मैं स्पेशल कुर्ता पहनकर गया था। सबसे अलग नजर आ रहा था। इसलिए अनायास ही मुझे ‘महरास किंग’ के रूप में चयनित कर लिया गया। लगे हाथ डॉ. राहुल राज ने मेरा भी सम्मान कर दिया। सम्मान सबको अच्छा लगता है। इस बीच तपन ग्रुप ने घी के डिब्बे भेजे जो विजेताओं को वितरित किए गए। विजेता तो मैं भी था लेकिन घी का डिब्बा मुझे नहीं मिला। इस तरह रात्रि के 12 बज गए। हम दोनों भी वहां से निकल लिए। हमें सुनाई पड़ा कि अलका सिंह कह रही थीं कि हमारे अतिथि नसीम अहमद आने वाले हैं, इसलिए कुछ देर और रुकें। वैसे, यह अलका सिंह का प्रेम ही है जो अतिथि आने से इनकार नहीं कर पाते हैं। यूं तो बचपन से ही शरद पूर्णिमा मना रहे हैं लेकिन ऐसी रात पहली बार आई।

डांडिया क्वीन और डांडिया प्रिंसेज के साथ फोटो त बनता ही है।

इस पूरे कार्यक्रम के दौरान चाय-पकौड़े, छोले- चावल लोग खाते रहे। अंत में खीर भी आ गई, जो शरद पूर्णिमा की रात्रि का अनिवार्य व्यंजन है। आपको बता दूं कि शरद पूर्णिमा की पीयूषवर्षिणी रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीधाम वृंदावन के वंशीवट क्षेत्र स्थित यमुना तट पर असंख्य ब्रज गोपिकाओं के साथ महारास लीला की थी। यह ऐसी लीला थी जिसमें हर गोपी के साथ भगवान श्रीकृष्ण नृत्य कर रहे थे। अवर्णनीय दृश्य रहा होगा वह। भगवान शिव भी गोपी का रूप धारण कर महारास देखने आए थे। तब अम्बर में विराजमान निशापति ठहर गया था पूरे छह माह के लिए।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत राजा खिरवार के ‘शिव तांडव स्तोत्र’ एवं ‘आर स्क्वायर डांस ग्रुप’ की गणेश वंदना से हुई। डांस व सिंगिंग प्रतियोगिताओं के साथ थीम प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। विजेता इस प्रकार हैं-

डॉ. भानु प्रताप सिंह ने डॉ. राहुल राज को सम्मानित किया।

सिंगिंग

प्रथम गुरशीन कौर,

द्वितीय गुनीत कौर,

तृतीय निमित

डांस

प्रथम मान्या शर्मा,

द्वितीय आराध्या खंडेलवाल

तृतीय कृतिका खंडेलवाल।

जो इतनी अद्भुत प्रस्तुति न देख पाया, उसका भाग्य ही खराब है।

कविता पाठ

प्रथम राजा खिरवार

द्वितीय राजी

लिटिल चैंप्स

ऋत्वी शर्मा, मान्या, आराध्या, सान्वी, उन्नति, पीहू आदि।

इन्दु सिंह का सम्मान तांशी चतुर्वेदी ने किया।

राधाकृष्ण बाल स्वरूप

निशिता, शिवम, शिवन्या, खुशनव।

डांडिया क्वीन

विनर वर्शवी सिंह, रनर-अप ऋतिका अत्री।

डांडिया किंग

विनर डॉ. भानु प्रताप सिंह, रनर-अप डॉ मदन मोहन शर्मा बने।

डांडिया प्रिंसेज

त्रिशला अत्री

डांडिया प्रिंस

नकुल सारस्वत

राधाकृष्ण युगल छवि

ईशी एवं निमित

बेस्ट स्टाइल पुरस्कार

भावना शर्मा

आप ही पहचानिए कौन किसका सम्मान कर रहा है। साथ में वैभव गर्ग, लालाराम तैनगुरिया आदि।

निर्णायक मंडल में इंदु सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, झनकार शर्मा, दीप्ति जादौन एवं अवनीश अरोरा शामिल रहे। सभी प्रतिभागी विजेताओं को तपन ग्रुप की ओर से गिफ्ट हैम्पर देकर सम्मानित किया गया ।

गणमान्य अतिथियों में डॉ. राहुल राज, नितेश शर्मा, डॉ. आनंद टाइटलर, वैभव गर्ग, नसीम अहमद, अरविंद सिंह, रिंकी उपाध्याय, तपन ग्रुप की ओर से सतेन्द्र शर्मा आदि उपस्थित रहे। शिक्षाविद व समाजसेवी एवं जनसंदेश टाइम्स के संपादक नितेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में कला एवं संस्कृति को पोषित पल्लवित करने के लिए इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए ।

सबको नचाने वाली अलका सिंह ने भी डांस किया।

कार्यक्रम के विशिष्ट सहयोगियों में नरेंद्र त्रिलोकानी, डॉ. नेहा सक्सेना, अमित खत्री, कांत खत्री, विख्यात अरोरा उपस्थित रहे। अपना म्यूजिकल ग्रुप से प्रवेश भांबरी,राजकुमार गुप्ता, रूपेश ने शानदार सिंगिंग की। मेकअप एक्स्पर्ट साक्षी चौहान ने सभी प्रतिभागियों को मेकअप से हाईलाइट किया। निधि बेदी के निर्देशन में नंबर वन क्यूटीज़ ग्रुप ने भी मंचीय कार्यक्रम में भागीदारी की।

अतिथियों का स्वागत रोहित कत्याल और  डॉ. मदन मोहन शर्मा ने किया। सहयोग किया लालाराम तैनगुरिया, एसके बग्गा, हरी गहलौत, हरीश लालवानी, राजदीप ग्रोवर, सौरभ सिंह, राजू ने। अतिथियों में उपस्थित रहे एनएनआई के संपादक अरविन्द सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, परमार मैडम, टोनी फास्टर, संदीप सिंह, करन सक्सैना, पल्लवी महाजन, सोमा सिंह, तुषार चौधरी, नीरज बघेल आदि। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन किया संस्था निदेशक अलका सिंह ने। व्यवस्था प्रमुख रोहित कत्याल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

Dr. Bhanu Pratap Singh