Agra, Uttar Pradesh, India. ऐसा चाहूं राज में जहां मिले सबन कुं अन्न छोटे-बड़े सब संघ बसें रविदास रहे प्रशन.. ऐसी सोच और भावना से ओतप्रेत थे संत शिरोमणि गुरु रविदास। उनकी 644 वी जन्म जयंती पर जाटव समाज उत्थान समिति द्वारा बाबू जगजीवन राम पुस्तकालय होटल हावर्ड के सामने, फतेहाबाद रोड, ताजगंज, आगरा में विचार गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में बताया गया कि आगरा में मुल्लाजी ने संत शिरोमणि रविदास की मंदिर स्थापित किया है।
गोष्ठी में संयोजक देवकीनंदन सोन ने कहा कि गुरु रविदास अपने जमाने के महान समाज सुधारक तथा कुप्रथाओं पर अपनी वाणी से गहरी चोट करने वाले कर्मयोगी संत थे।
सोन ने कहा कि उनके ज्ञान की गहराई से प्रभावित होकर ही गुरु ग्रंथ साहिब में रविदास वाणी को विशेष स्थान मिला। चित्तौड़ राज की महारानी मीराबाई भी उनकी शिष्या बनकर अमर हो गईं। सबसे पहले समाजवाद की कल्पना गुरु रविदास ने ही की थी।
संरक्षक बाबू वीरसिंह ने कहा – गुरु रविदास जी के दोहे की रविदास ब्राह्मण मत पूजिए जो होगे गुणहीन पूजे पैर चांडाल के जो हो प्रवीण।। के द्वारा जाति प्रथा से अलग गुणकारी व्यक्ति की संगत करने की अलख जगाया था।
अध्यक्ष बंगाली बाबू सोनी ने कहा कि आगरा के वरिष्ठ उद्यमी तथा समाजसेवी हरिचरन मुल्लाजी द्वारा आगरा-फिरोजाबाद रोड पर गुरु रविदास का भव्य मंदिर “गुरु घर” का निर्माण कराकर गुरु रविदास जी के भक्तों का मान बढ़ाया है।
महामंत्री रूपसिंह सोनी ने आगरा में दलित छात्रों के रहने के लिए रविदास छात्रावास बनवाए जाने की उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की। संगोष्ठी में सभी भक्तों ने उत्तर प्रदेश सरकार में लागू गुरु रविदास जयंती की छुट्टी को समाप्त किए जाने पर रोष प्रकट करते हुए रविदास जयंती की पुनः छुट्टी लागू किए जाने की मांग की।
संगोष्ठी में मनोज पिप्पल, रतन सिंह गौतम, ओमप्रकाश गौतम, परमजीत सिंह, भोलू सिंह, सूरजभान भाटिया, विनोद आनंद, बच्चू सिंह कैथ, राजेंद्र भारती, महेंद्र सिंह, विजय बहादुर , बंगाली रवींद्रनाथ राम साबेदिया, रमेश चंद कश्यप, इं. मानिकचंद, मा. सुंदरलाल, राजेंद्र भारती, बालीदेव, सुरेश पिपल, चौधरी निरंजन सिंह, रविंद्र सिंह आदि ने गुरु रविदास जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
जबर्द्स्त शिव स्तुति, जरूर देखें
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