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महाराजा सूरजमल और गोकुला जाट की भव्य प्रतिमा के लिए अभियान

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जाट महासभा के पदाधिकारी मिले मेयर नवीन जैन से, मिला आश्वासन

Agra, Uttar Pradesh, India. गुरुवार को अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने महापौर नवीन जैन से नगर निगम के कार्यकारिणी कक्ष में मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला अध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर के नेतृत्व में समाज के प्रतिष्ठित व प्रबुद्धजनों ने महापौर नवीन जैन से महाराजा सूरजमल व वीरवर गोकुला की भव्य प्रतिमा लगाए जाने की मांग की। इस दौरान जाट महासभा के पदाधिकारियों ने महापौर नवीन जैन के समक्ष महाराजा सूरजमल व वीरवर गोकुला के इतिहास से उन्हें रूबरू कराया और उनके सर्व समाज व देशहित में दिए गए बलिदानों की भी जानकारी दी। जाट महासभा के पदाधिकारियों ने महापौर को महाराजा सूरजमल व वीरवर गोकुला की भव्य प्रतिमा आगरा किले के आसपास लगवाए जाने के लिए ज्ञापन दिया। महापौर नवीन जैन अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रतिनिधिमंडल को इस संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।


अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला अध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर ने महापौर नवीन जैन को बताया कि महाराजा सूरजमल और वीरवर गोकुला का इतिहास, इतिहास के पन्नो में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। वीरवर गोकुला ने मुगल शासक औरंगजेब को खदेड़ कर रख दिया था। पानीपत के तीन-तीन युद्ध और प्लासी का युद्ध 1 दिन भी नहीं चले लेकिन वीरवर गोकुला ने औरंगजेब से 3 दिनों तक युद्ध किया था। औरंगजेब हिंदुओं और महिलाओं पर अमानवीय व्यवहार करता था जिसके विरोध में वीरवर गोकुला को औरंगजेब के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाया था और 3 दिनों तक चले युद्ध के तीसरे दिन औरंगजेब की फौज ने उन्हें घेर लिया और बंदी बना लिया जिसके बाद उन पर इस्लाम धर्म कबूलने और माफी मांगने का दवा पड़ा लेकिन वीरवर गोकुला नहीं झुके जिसके बाद उन्हें औरंगजेब ने निर्दयता के साथ मौत के घाट उतारवा दिया था। औरंगजेब के क्रूर सैनिकों ने वीरवर गोकुला के शरीर के अंगों को कुल्हाड़ी से काट दिया था और उनके शरीर से खून के फव्वारे चलने लगे। आज उस जगह को फब्बारा के नाम से जाना जाता है लेकिन उस स्थान पर वीरवर गोकुला की कोई प्रतिमा ना होने से समाज में मायूस और दुखी है। समाज लगातार फब्बारा चौराहे पर वीरवर गोकुला की प्रतिमा लगाए जाने की मांग उठाता रहा है।


भरतपुर के शासक सूरजमल भी शक्तिशाली सम्राटों में गिने जाते थे। उन्होंने आगरा को मुगलों से मुक्त कराने का निश्चय किया था और आक्रमण कर आगरा को मुगलों से मुक्त कर किले पर की केसरिया ध्वजा फहरा दिया। मुगलों से लोहा लेते समय 1763 में महाराजा सूरजमल ने दिल्ली को भी जीत लिया था लेकिन मुगलों ने धोखे से महाराजा सूरजमल के पीठ पर गोली मार दी जिससे उनकी मृत्यु हो गयी।


अखिल भारतीय जाट महासभा के पदाधिकारियों ने महाराजा सूरजमल और वीरवर गोकुला की भव्य प्रतिमा आगरा किले के आसपास लगाए जाने की मांग उठाई है। महापौर नवीन जैन अखिल भारतीय जाट महासभा के सभी पदाधिकारियों का ज्ञापन लिया और उनकी बातों को भी गंभीरता से सुना, साथ ही सभी को आश्वस्त किया कि इस संबंध में वह निगम अधिकारियों के साथ इस ज्ञापन पर गंभीरता से विचार करेंगे।