vairagya nidhi maharaj

आगरा में चातुर्मास कर रहीं जैन साध्वी वैराग्य निधि ने बताई अंधेरे में सुई ढूंढने की आसान तरकीब

RELIGION/ CULTURE

8 परिवारों ने शास्त्र वोहराया, रोज पूजा और सामयिक का नियम

आज दादाबाड़ी के गेट से प्रवचन स्थल तक तपस्वनी की शोभायात्रा

Agra, Uttar Pradesh, India.   जैन दादाबाड़ी शाहगंज आगरा में परम विदुषी जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज सत्संग चातुर्मास कर रही हैं।चातुर्मास में जैन ग्रंथों के आधार पर प्रवचन होते हैं। इन्हीं जैन ग्रंथों को प्रवचन स्थल पर स्थापित किया गया। प्रवचन में जैन साध्वी वैराग्य निधि ने अंधेरे में सुई ढूंढने की आसान तरकीब बताई।

 

श्रावक और श्राविकाएं जैन ग्रंथों को सिर पर लेकर प्रवचन स्थल तक पहुंची। इस दौरान ढोल नगाड़े बजते रहे। लोग नाचते झूमते रहे। वैराग्य जी महाराज ने ग्रंथों को विधिवत स्थापित किया। अब पूरे 4 महीने इन्हीं जैन ग्रंथों के आधार पर प्रवचन होंगे

 

साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने प्रवचन में कहा कि जीवन जीने की कला ही जीवन प्रबंध है। जीवन बहुआयामी है इसलिए जीवन प्रबंधन भी बहुकोणीय है। जो मैनेजमेंट के साथ जीवन जीते हैं उन्हें रात के अंधेरे में भी सुई मिल जाती है। लापरवाही से जीने वालों को दिन में भी टॉर्च नहीं मिलती। समग्र प्रबंधन शांति संतुष्टि और आनंद का कारण बनता है।

 

राजकुमार जैन, सुनील कुमार जैन, आशीष जैन परिवार, अशोक, धीरज ललवानी परिवार, केके कोठारी, मंजू कोठारी परिवार,महेंद्र जैन, निखिल जैन परिवार,दिनेश, रजत गादिया परिवार, राजीव, अंकित पाटनी परिवार, मानक चंद, प्रवीण कुमार, विपिन कुमार परिवार, अशोक जैन (बालूगंज) परिवार ने शास्त्र वोहराया।

 

जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्री संघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि बोली लेने वाले परिवार को वर्ष भर में 300 दिन परमात्मा की पूजा सेवा, 360 दिन सामायिक और कम से कम 100 दिन प्रवचन में भाग लेना अनिवार्य है। दादाबाड़ी में प्रतिदिन प्रातः 9:15 से 10:15 तक प्रवचन चल रहे हैं। 27 जुलाई को दादाबाड़ी के मुख्य गेट से प्रवचन स्थल प्रातः 8:30 बजे से  तपस्वनी की शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने धर्म प्रेमियों से लाभ उठाने की अपील की है।

 

इस अवसर पर और चातुर्मास युवा समिति के संयोजक सुनील कुमार जैन, सुशील जैन, मुकेश जैन, विनय चंद्र लोढ़ा, कमल चंद जैन, बृजेंद्र लोढ़ा, संजय दुगड, अशोक कोठारी, नितिन, अभिलाष ललवानी, रॉबिन जैन,ममता, कविता जैन, शिल्पा लोढ़ा, उषा, नेहा वेद, रीटा, सुमन ललवानी, दीपक धारीवाल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Dr. Bhanu Pratap Singh