अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: सोनी सब के कलाकारों ने बताया कि कैसे योग उन्हें फिट रखता है और दिन की सकारात्मक शुरुआत करता है

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मुंबई: योग केवल एक अभ्यास नहीं है—यह एक ठहराव है, एक रीसेट है और स्वयं से जुड़ने का एक जेंटल रिमाइंडर भी है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सोनी सब के लोकप्रिय चेहरे—प्रियम्वदा कांत, आशी सिंह और सायली सालुंखे—बता रही हैं कि कैसे छोटे-छोटे योग अभ्यासों ने उनकी दिनचर्या में बड़े बदलाव लाए हैं। शांत श्वास से लेकर माइंडफुल मूवमेंट तक, ये कलाकार बता रही हैं कि योग उन्हें न केवल फिट रखता है, बल्कि शूटिंग से पहले उन्हें मानसिक रूप से तरोताजा भी करता है।

‘तेनाली रामा’ में शारदा की भूमिका निभा रहीं प्रियमवदा कांत कहती हैं, “मैं अपने दिन की शुरुआत सूर्य नमस्कार से करती हूं। यह हैरानी की बात है कि कोई इतनी सरल चीज़ आपको कितनी गहराई से ज़मीन से जोड़ सकती है। शारदा एक ऐसा किरदार है जो साधारण में भी उम्मीद खोजती है, और मुझे लगता है योग भी कुछ ऐसा ही करता है। यह सिर्फ शरीर को नहीं बल्कि सोच को भी फैलाता है। अपने आप के साथ बिताया गया यह शांत समय—भले ही कुछ ही मिनटों का हो—पूरा दिन कैसे जिएंगे, इसका तरीका ही बदल देता है। एक ऐसी दुनिया में जहां सब तेज़ी से भाग रहे हैं, यह कुछ माइंडफुल ब्रीदिंग मुझे ठहरने, अपने शरीर, अपने विचारों और कभी-कभी उस मौन को सुनने की याद दिलाती हैं।”

‘उफ्फ… ये लव है मुश्किल’ में कैरी शर्मा का किरदार निभा रहीं आशी सिंह कहती हैं, “योग मेरी एक शांत नींव बन गया है। भले ही मैं केवल दस मिनट का प्राणायाम करूं या सेट पर जाने से पहले कुछ स्ट्रेचिंग, इसका असर मुझे तुरंत महसूस होता है। एक शांति महसूस होती है, जैसे दिन शुरू होने से पहले ही मैं खुद से जुड़ चुकी हूं। यह परफेक्ट करने की बात नहीं है—यह खुद के लिए, रोज़ थोड़ा-थोड़ा करने की बात है। समय के साथ ये छोटे-छोटे पल बहुत मायने रखने लगते हैं। और व्यस्त या तनावभरे दिनों में, यह थोड़ी सी शांति मुझे ठहरने और गहरी सांस लेने की याद दिलाती है। यह सरल है—लेकिन वाकई में बहुत मददगार भी है।”

‘वीर हनुमान’ में माता अंजनी की भूमिका निभा रहीं सायली सालुंखे कहती हैं, “मेरे लिए योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं है—यह खुद से एक आत्मीय संवाद है। यह वह समय है जब मैं धीमे-धीमे चलना सीखती हूं, गहरी सांसें लेती हूं और अपने भीतर की शांत शक्ति को सुनती हूं। मुझे विश्वास है कि कुछ मिनटों की माइंडफुल ब्रीदिंग या हल्की स्ट्रेचिंग भी आपके पूरे दिन की दिशा बदल सकती है। योग ने मुझे संतुलन सिखाया है—सिर्फ चटाई पर ही नहीं, बल्कि हर भावना और हर चुनौती में भी। इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मैं सभी से, खासकर युवा पीढ़ी से आग्रह करती हूं कि वे योग को सिर्फ एक ट्रेंड के रूप में नहीं, बल्कि जीवन भर के साथी के रूप में अपनाएं। आपको परिपूर्ण नहीं बनना है—आपको बस शुरुआत करनी है। वहीं से शुरू करें जहाँ आप हैं, जो है उसी से, और योग आपको खुद से जुड़ने का मार्ग दिखाएगा।”

देखते रहिए ‘वीर हनुमान’, ‘उफ्फ… ये लव है मुश्किल’ और ‘तेनाली रामा’,
हर सोमवार से शनिवार, केवल सोनी सब पर

-up18News

Dr. Bhanu Pratap Singh