आश्रम की व्यवस्थाओं से प्रसन्न, 20 कि.मी. पदविहार की थकान भूल गईं
बुजुर्गों से कहा- अपने अतीत को याद करके अपने वर्तमान को खराब न करें
Agra, Uttar Pradesh, India. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आध्यात्मिक जैन साधिका साध्वी वैराग्यनिधि श्रीजी 20 किलोमीटर पैदल चलीं। वह भी नंगे पांव। तपती सड़क भी उनकी राह न रोक सकी। उन्होंने रामलाल आश्रम सिकंदरा में 300 बुजुर्गों को ध्यान कराया। ध्यान का प्रभाव यह हुआ कि बुजुर्ग माता-पिता को अतीव शांति का अनुभव हुआ। कुछ देर के लिए ही सही, सारे दुख भूल गए। यही ध्यान की चरम स्थिति है।
इस मौके पर साध्वी वैराग्यनिधि ने बुजुर्गों से कहा- आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। योग का अर्थ है जुड़ना या जोड़ना। लेकिन हमें जुड़ना किससे है ? अपने अतीत से नहीं अपने वर्तमान से जुड़ना है, प्रभु की भक्ति से जुड़ना है। अपने अतीत को याद करके अपने वर्तमान को खराब नही करें। जो बीत गया उसे कोस के, उसकी निंदा करके अपने पुण्य को नहीं घटाएं। हम खुद का भी आत्म निरीक्षण करें कि हमारे जीवन में इस कर्म का उदय कैसे हुआ ? कहीं हमसे भी तो कोई भूल नहीं हुई? यदि जुड़ना ही है तो प्रभु भक्ति से जुड़ें। जो अपने थे ही नहीं उनको याद करके उनको दिन रात अपने मन में जोड़कर दुख को नहीं बढ़ायें? यदि दुःख बढ़ेगा तो पुण्य घटेगा।
साध्वी वैराग्यनिधि ने कहा- जब भगवान राम का राजतिलक होने वाला था उसी दिन उनके पिता ने उनको वन में जाने की आज्ञा दे दी। क्या भगवान ने अपने पिता पर कोई क्रोध किया ? क्या उनसे कोई शिकायत की? इसी को अपनी नियति मानकर भगवान राम ने वन जाना स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा- यमुना का किनारा, प्रकृति का शांत वातावरण, सुंदर व्यवस्था इससे अच्छा क्या हो सकता है? इसी को स्वीकार करते हुए परस्पर एक दूसरे का सहयोग करें, एक दूसरे की मदद करें इससे अच्छी प्रभु भक्ति हो नहीं सकती।
इससे पूर्व रामलाल आश्रम में आश्रम के मुख्य संरक्षक राजकुमार जैन एवं रामलाल आश्रम के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने साध्वी मंडल का स्वागत कर धर्म लाभ प्राप्त किया। स्वागत करते हुए आश्रम के मुख्य संरक्षक राजकुमार जैन ने कहा कि हमारा सौभाग्य कहाँ कि वैराग्य प्राप्त करके आपके समान कठिन तप कर अपने जीवन का उद्धार कर सकें। आप तो इतना कठिन तप करके अपना जीवन तो सफल बन ही रहे हैं, हमारे जीवन को भी अपने ज्ञान से सफल बनाने का प्रयास कर रही हैं। सुशील जैन ने सफल संचालन किया।
साध्वी मंडल ने अशोक जैन गौशाला का निरीक्षण किया। यहां 400 से अधिक गौमाता हैं। 300 से अधिक वृद्ध माता-पिता हैं। व्यवस्थाओं को देखकर प्रसन्नता प्रकट की। साध्वी मंडल ने कहा हम आज रामलाल आश्रम को देखकर अभिभूत हैं। हमें 20 किलोमीटर के बिहार की थकान भी अनुभव नहीं हो रही है।
इस मौके पर जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्री संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन, रामलाल आश्रम के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा, लोहामंडी संघ के मंत्री सुशील जैन, कमल चंद जैन, दुष्यंत लोढ़ा, अंकित पाटनी, विनय वागचर, ममता जैन, कविता जैन, शालू जैन, पदमा सकलेचा, संगीता सकलेचा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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