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लघु उद्योगों से ही भारत का भाग्योदय, पांच वर्ष बाद भारत के परिणाम दुनिया को चमत्कृत कर देंगे

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लघु उद्योग भारती के क्षेत्रीय सम्मेलन में यूपी व उत्तराखंड के 450 उद्यमी आए
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अरुण कुमार ने इनवेस्टर समिट में आने का आमंत्रण दिया

Dr Bhanu Pratap Singh

Agra, Uttar Pradesh, India. लघु उद्योग भारती का क्षेत्रीय सम्मेलन उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित अग्रवन में हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 450 लघु उद्यमियों ने प्रतिभाग किया। अपनी समस्याएं रखीं। उनके समाधान का मार्ग खोजा। साफ तौर पर कहा गया कि लघु उद्योगों से ही भारत का भाग्योदय होगा। उत्तर प्रदेश के मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने सभी को लखनऊ में होने वाली इंवेस्टर समिट में आने का न्योता दिया। लघु उद्योग भारती के प्रदेश संगठन मंत्री प्रकाशचंद्र जी ने अवगत कराया कि भारत सोने की चिड़ियां क्यों था और कैसे बन सकता है।

 

6जी सबसे पहले भारत लेकर आएगा

प्रकाशचंद्र ने कहा- भारत चक्रवर्ती सम्राटों का देश था। दुनिया को श्रेष्ठतम उत्पाद जलमार्ग और थल मार्ग से बेचकर सोना-चांदी लाए। फिर हमने नहीं, दुनिया ने कहा कि भारत सोने की चिड़िया है। यह कौशल सर्वश्रेष्ठ निर्माण की भूख के कारण हुआ। साफ है कि तकनीक के साथ गुणवत्तापूर्ण निर्माण हमारे खून में है। पूरी दुनिया को हमारी आवश्यकता है। कम लागत में श्रेष्ठ निर्माण की जरूरत है। भारत की कोरोना वैक्सीन सर्वश्रेष्ठ रही। इस समय पूरी दुनिया में कोरोना को लेकर हाहाकार है और लोग कल्पना भी नहीं कर सकते कि एक हॉल में इतने लोग बैठे होंगे। आशा जताई कि 5जी के पास 6जी सबसे पहले भारत लेकर आएगा। पांच वर्ष बाद भारत के परिणाम दुनिया को चमत्कृत कर देंगे। जरूरत इस बात की है कि हम साथ चलें।

 

सहयोग से स्थिति बदल सकते हैं

उन्होंने कहा कि हमारे पास शक्ति है तो हमारी बात सुनी जाती है। समस्याओं के समाधान के लिए संख्या बल चाहिए। इस पर ध्यान दें। हमारा मिलकर काम करने का स्वभाव था, जो कम हुआ है। अंग्रेजों के कारण समूह में काम करने का अभ्यास छूटा। सहयोग करके स्थिति बदल सकते हैं। आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी तंत्र का माइंडसेट वही है। हां, जनप्रतिनिधियों का माइंड सेट बदला है।

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दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन करते अतिथि।

हमारे पूर्वजों ने 2100 काउंट का धागा बनाया

श्री प्रकाशचंद्र ने कहा कि आर्थिक स्तर पर बहुत सम्भावनाएं हैं, चीन में कोरोना के कारण पैदा हुए वैक्यूम को भारत भर सकता है। इम्पोर्ट के स्थान पर अपने देश में ही निर्माण क्यों नहीं कर सकते हैं। बदलाव हो रहे हैं लेकिन प्रगति बहुत कम है। निर्माण प्रक्रिया में अध्ययन करें कि दुनिया में हमारी मांग कहां पर है। वैश्विक परिदृश्य में हमारे पूर्वजों ने 2100 काउंट का धागा बनाया जिसे लेंस के माध्यम से ही देखा जा सकता था। आज 100 काउंट का भी धागा नहीं बना पा रहे हैं। याद रखें कि हम ऐसे पूर्वजों की संतान हैं। उद्यमिता के क्षेत्र में चुनौतियां हैं, इनका सामना मिलकर करें। सरकारी स्तर पर रोजगार सृजन के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन यह समाज का भी दायित्व है।

 

इंवेस्टर समिट में आने का न्योता

उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने लघु उद्योग भारती के सदस्यों को पर्यावरण समिति में प्रतिनिधित्व दिए जाने की घोषणा की। सभी को इंवेस्टर समिट में आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा- छह हजार उत्पादों के दम पर यूपी देश का तीसरा बड़ा निर्यातक प्रदेश है। यहां लघु उद्योग आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उद्यमी सुकून से कारोबार कर रहे हैं। जिस तरह से योगी सरकार नोतिगत निर्णय ले न की है, लघु व्ययोगों की राह आसान कर रही है. आने वाले समय में ग्रुपों उत्तम प्रदेश। से आगे बढ़ सर्वोत्तम प्रदेश बन जाएगा

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संबोधित करते संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र

अपर मुख्य सचिव ने क्या कहा

अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविंद कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तैयार दो दर्जन औद्योगिक नीतियों की गाइडलाइंस करानी है, ताकि प्रदेश के इंवेस्टर समिट में अधिकाधिक प्रतिभागिता हो। इंवेस्टर समिट के लिए 17 देशों में की गई मेहनत को रखा। उद्यमियों की समस्याओं के प्रतिवेदन पर बिंदुवार जवाब दिए और जिज्ञासाओं को शांत किया। 50 करोड़ रुपये की इकाइयों को एसजीएसटी के फायदे पूंजीगत सब्सिडी में मिलने की बात रखी।

 

संभागशः बैठकें

लघु उद्यमियों क संभागशः बैठकें अखिल भारतीय अध्यक्ष बल्देव भाई प्रजापति, संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र, महांमत्री घनश्याम ओझा, अखिल भारतीय संयुक्त मंत्री राकेश गर्ग ने कीं। बैठकों में प्रत्येक जिले में संगठन, समस्याओं और उनके समाधान की स्थिति जानी। 2025 तक के लक्ष्य निर्धारित किए गए।

 

उ.प्र. लघु उद्योग डायरेक्ट्री का विमोचन

लघु उद्योग भारती की प्रदेश इकाई की डायरेक्ट्री का विमोचन किया गया। इसमें उद्यमियों के ब्योरे के साथ उनके कारोबार का विवरण है। सरकारी नीतिगत विषय रखे गए हैं ताकि उद्यमी उनका लाभ ले सकें।

 

इनका हुआ सम्मान

इस दौरान इंजीनियर उमेश शर्मा, निर्यातक गोपाल गुप्ता, आगरा आयरन फाउंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर मित्तल, फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएटस के अध्यक्ष राजेश गोयल, इंडियन बैंक के जोनल मैनेजर, संयुक्त आयुक्त उद्योग अनुज कुमा रको आयोजन में सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। सर्व व्यवस्था प्रमुख मनीष अग्रवाल रहे। कार्यक्रम का संयोजन दीपक अग्रवाल ने किया।

इन्होंने रखी समस्याएं

मुरादाबाद के उद्यमियों ने एसईजेड को उपयोगी बनाने का मश्विरा दिया। ग्रेटर नोएडा ने अपने क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाएं सड़कों का विषय रखा। पानी की दिक्कत रखी। सवाल उठाया कि बुनियादी समस्याओं में घिरे रहने से आखिर उद्योग में इनोवेशन कैसे करें। पंकज गोयल ने फ्लेटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की अनुमति की बात कही। उद्योग नीति 2017 की सब्सिडी आदि का विषय रखा। बरेली की टीम ने अग्निशमन से संबंधित नियमों को शिथिल करने को कहा। बुंदेलखंड की तरफ से व्याज में कमी की मांग रखी गई। उद्योग बंधु की समस्याओं के निस्तारण में देरी का विषय भी रखा गया। आगरा के जिलाध्यक्ष ने चार बिंदुओं पर

 

संगठन की विकास यात्रा

लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष बल्देव प्रजापति ने संगठन की विकास यात्रा को रखा। बताया कि किस तरह सोने की चिड़िया कहलाने वाला देश आर्थिक गुलामी की तरफ बढ़ने लगा था। प्रदेश अध्यक्ष मधुसूदन दादू ने उद्यमियों की समस्याओं को रखा। इंजीनियर उमेश शर्मा ने प्रदूषण से संबंधित विषय रखे। संचालन प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने किया।

 

उल्लेखनीय उपस्थिति

आयोजन के सहयोगियों एवं अतिथियों का आभार जिला इकाई के अध्यक्ष भुवश अग्रवाल ने जताया। इस दौरान राष्ट्रीय महामंत्री घनश्याम ओझा, संयुक्त महामंत्री राकेश गर्ग, मेयर नवीन जैन, विधायक पुरुषोत्तम खडेलवाल एवं डॉ. धर्मपाल सिंह, प्रदेश महामंत्री रविन्द्र सिंह, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल, राजीव बंसल, विजय गुप्ता, नितेश गुप्ता, संजीव जैन, अरविंद शुक्ला, शैलेष अग्रवाल, अमित अग्रवाल आदि रहे। विशेष उपस्थिति आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक महेन्द्र की रही।

लघु उद्यमी
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से आए उद्यमी

मुख्य मांगें

सोलर ऊर्जा में नेट मीटरिंग का फायदा दिया जाए। वर्तमान में नेट बिलिंग होने से नुकसान है। आठ रुपये बिजली मिलती है। खरीदी दो रुपये यूनिट में आती है।

धारा 304 के स्थान पर 304 ए में तब्दील किया जाए। भू उपयोग, परिवर्तन से संबंधित नियमों का सरलीकरण किया जाए।

अवैध निर्माण हटा दिए जाए। सड़कों के गड्ढे दूर किए जाएं। सीवर और पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

उद्योगों को उत्पाद बदलने की सुविधा हो, परिवार में विभाजन की अनुमति, नाम व संविधान परिवर्तन आदि को भी स्टांप शुल्क से मुक्त रखा जाए।

बंद पड़ी सरकारी मिलों में भूमि की कमी को दूर करने के लिए मौजूदा परिसर का एफएआर बढ़ाने की अनुमति हो।

उद्योगों को उत्पाद बदलने की सुविधा हो, परिवार में विभाजन की अनुमति, नाम व सविधान परिवर्तन आदि को भी स्टाप शुल्क से मुक्त रखा जाए।

औद्योगिक भूखंड नीलामी के दौरान लघु उद्योगों को फायदा दिया जाए। दो हजार वर्ग मीटर के प्लॉट के आवंटन में छोटी इकाइयों को प्राथमिकता दी जाए।

विभिन्न विभागों के बकाया को दूर करने के लिए एक बार फिर एक मुक्त समाधान योजना लाई जाए। इससे उद्योग पर विधिक जटिलताएं कम की जा सके। यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में अतिक्रमण रोके जाएं।

Dr. Bhanu Pratap Singh