भारतीय वायुसेना ने शनिवार रात का इतिहास रच दिया। इजरायल वायु सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन थंडरबोल्ट की तरह अंजाम दिया। भारतीय वायुसेना ने बिना किसी भी राडार की पकड़ में आए C-130J सुपर हरक्यूलस विमान करगिल की हवाईपटटी पर उतार दिया। भारतीय वायु सेना के देर रात किए गए इस ऑपरेशन में गरुड़ कमांडो की भी एक टुकड़ी शामिल थी।
दुनिया भर की वायुसेना की किताबों में इसे टरेन मास्किंग कहते हैं। यह एक ऐसी रणनीति है जिसके माध्यम से वायुसैनिक विभिन्न उंचाई, नदी, प्राकृतिक संसाधनों और राडार मुक्तक्षेत्र का का प्रयोग करते हुए राडार को चकमा देते हैं और अपना लक्ष्य भेदते हैं। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर की गई एयरस्ट्राइक ऑपरेशन बंदर में भी इसका इस्तेमाल किया गया था।
भारतीय वायुसेना ने अपने इस विशिष्ट अभ्यास का वीडियो भी जगजहिर किया है। भारतीय वायुसेना ने इस अभ्यास की जानकारी देते हुए कहा है कि पहली बार वायुसेना के C-130J विमान ने कारगिल की हवाईपट्टी पर आधी रात को लैंडिंग कराई है। इस अभ्यास के दौरान टरेन मास्किंग को भी अंजाम दिया गया।
इसे वायुसेना के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। चारों तरफ पहाड़ों से घिरे इस इलाके में बर्फबारी बड़ी चुनौती है। इसका सबसे बड़ा लाभ देश के दुश्मन चीन और पाकिस्तान से निपटने में मदद मिलेगी। यह रणनीतिक रूप से बहुत ही पॉवरफुल कदम है। इस विमान को आगरा एक्सप्रेस-वे और दौलव वेग ओल्डी पर भी लैंड कराया जा चुका है। कश्मीर में आई बाढ़ और नोटबंदी में इसने बहुत बेहतर कार्य किया गया।
क्या है ऑपरेशन थंडरबोल्ड जिसकी तरह कारगिल में हुआ अभ्यास?
4 जुलाई 1976 को युगांडा के एंतबे हवाईअडडे पर हुई यह सैन्य कार्रवाई इज़रायली इतिहास की सबसे कठिन कार्रवाई में से एक है। फिलिस्तीन के आतंकियों ने यहूदियों से भरे एक विमान का अपहरण कर लिया था। इसे युगांडा के एंतबे हवाईअडडे पर उतारा गया। यहां से आतंकियों ने इजरायल से 50 आतंकियों को रिहा करने की मांग की। इजरायल को यह मंजूर नहीं था। कई तरीके से बात करने के बाद ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गई। इसमें सबसे बड़ी समस्या इज़रायल और एन्तेबे की दूरी थी लेकिन यहीं से तैयारी शुरू हो गई।
मोसाद और इजरायल वायुसेना ने 200 कमांडों के साथ रणनीति बनाई और फिर ऑपरेशन शुरू हो गया। 4000 किलोमीटर की दूरी पर किए जाने वाले इस ऑपरेशन की दो चुनौती थी। राडार के लिए तो इजरायली वायुसेना ने टरेन मास्किंग का प्रयोग करते हुए बिना राडार में आए लाल सागर ऊपर से होते हुए बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान भरी। उड़ान के दौरान ही हवा में ही अन्य विमानों की मदद से तेल भरा।
इस ऑपरेशन की खासियत यह थी कि किसी भी बंदी को कोई नुकसान नहीं हुआ। सभी आतंकी और युगांडा के कई सैनिक मारे गए। इजरायल का सिर्फ एक ही सैनिक शहीद हो गया और सैनिक का नाम योनातन नेतन्याहू था। वह इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई थे। करगिल में 6 जनवरी की आधी रात को किया गया यह अभ्यास इजरायल के ऑपरेशन थंडरबोल्ड की तरह ही है।
ये है C-130J की खासियत
अमरीका निर्मित दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान
2008 में भारतीय वायु सेना के लिए यह खरीदा गया
2011 में भारतीय वायु सेना में इसे शामिल किया गया
14 मिनट में यह 28 हजार फीट पर पहुंच जाता है
70 हजार किलोग्राम का वजन लेकर 22 हजार फीट पर उड़ सकता है
60 से ज्यादा देश इसका कर रहे हैं इस्तेमाल
-एजेंसी
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