नई दिल्ली। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पर रूस को प्रतिबंधित तकनीक भेजने का आरोप लगाया गया है। विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को गलत और भ्रामक बताया है। मंत्रालय ने कहा कि एचएएल ने सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया है। विदेश मंत्रालय ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक करार दिया है। मंत्रालय ने कहा कि इस रिपोर्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। इसके जरिए एक खास पॉलिटिकल नैरेटिव बनाने की कोशिश की गई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का पूरी तरह से पालन किया है। एचएएल एक सरकारी कंपनी है। यह कंपनी दूसरे देशों के साथ व्यापार के नियमों और अंतिम इस्तेमाल की शर्तों का पालन करती है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि हमने द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट देखी है। यह रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने रणनीतिक व्यापार नियंत्रण और अंतिम उपयोगकर्ता प्रतिबद्धताओं पर अपने सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का ईमानदारी से पालन किया है।
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारत में रणनीतिक व्यापार को लेकर एक मजबूत कानूनी ढांचा है। यह ढांचा भारतीय कंपनियों की विदेशी गतिविधियों को निर्देशित करता है। मंत्रालय बताया कि रणनीतिक व्यापार पर भारत का मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा अपनी कंपनियों के विदेशी वाणिज्यिक उद्यमों का मार्गदर्शन करना जारी रखता है। हम प्रतिष्ठित मीडिया आउटलेट्स से ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करते समय बुनियादी सावधानी बरतने की उम्मीद करते हैं, जिसे स्पष्ट रूप से इस मामले में अनदेखा किया गया।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि 2023 और 2024 के बीच, एक ब्रिटिश एयरोस्पेस फर्म, एचआर स्मिथ ग्रुप ने एचएएस को प्रतिबंधित तकनीक भेजी। बाद में पता चला कि इस तकनीक का इस्तेमाल रूस की सरकारी हथियार एजेंसी, रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ लेनदेन में किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, एचएएल ने एचआर स्मिथ की सहायक कंपनी, टेकटेस्ट से पार्ट्स मिलने के बाद रूस को कई बार उपकरणों की शिपमेंट की।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में सीमा शुल्क रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि एचएएल को 2023 और 2024 में टेकटेस्ट से लगभग 2 मिलियन डॉलर की प्रतिबंधित तकनीक की 118 शिपमेंट मिलीं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इसी अवधि के दौरान, एचएएल ने रोसोबोरोनएक्सपोर्ट को समान घटकों की कम से कम 13 शिपमेंट की, जिसमें कुल 14 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया कि ये उपकरण दोहरे इस्तेमाल वाली तकनीक थे। इसका मतलब है कि इनका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। ब्रिटिश और अमेरिकी अधिकारियों ने इसे यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियानों के लिए महत्वपूर्ण बताया था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि एचआर स्मिथ ने निगेल फराज को अपना नेता नामित करने के तुरंत बाद ब्रिटिश राजनीतिक पार्टी रिफॉर्म यूके को एक लाख पौंड का दान दिया था।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस बात का कोई सीधा प्रमाण नहीं है कि एचआर स्मिथ के प्रोडक्ट रूस पहुंचे। रिपोर्ट में सिर्फ इतना कहा गया है कि शिपमेंट रिकॉर्ड में प्रोडक्ट पहचान कोड मेल खाते हैं। इसका मतलब है कि यह सिर्फ एक संभावना है, लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है।
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