आगरा। आगरा समेत पूरे देश में आयकर विभाग का पोर्टल बंद होने से करदाताओं के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितम्बर यानी सोमवार तक ही है, लेकिन रविवार को विभाग की के ठप पड़ जाने से लाखों करदाता रिटर्न दाखिल करने से वंचित हो सकते हैं। इससे न केवल व्यापारिक वर्ग बल्कि चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और कर अधिवक्ताओं की भी चिंता बढ़ गई है। सीए और कर अधिवक्ता अपने चैंबरों में हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। रिटर्न दाखिल कराने वाले लोग भी मौजूद हैं, लेकिन पोर्टल के काम न करने से सभी हाथ पर हाथ धरकर बैठने को मजबूर हैं।
रविवार को सुबह से ही करदाताओं की भीड़ सीए और कर अधिवक्ताओं के दफ्तरों पर उमड़ पड़ी, लेकिन वेबसाइट न चलने के कारण सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। लोग परेशान हैं कि यदि 15 सितम्बर तक पोर्टल सामान्य न हुआ तो वे रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे और पेनल्टी चुकानी पड़ेगी।
आगरा से नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल और पूर्व अध्यक्ष व आयकर प्रकोष्ठ चेयरमैन अनिल वर्मा ने करदाताओं की कठिनाइयों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया था कि पोर्टल की समस्या और आपदा की स्थिति में तिथि बढ़ाना ही राहत का एकमात्र रास्ता है।
पत्र में कहा गया था कि आगरा और आसपास के जिलों सहित उत्तर प्रदेश का बड़ा हिस्सा इन दिनों बाढ़ की चपेट में है। इससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं, आवाजाही बाधित है और संचार तंत्र चरमरा गया है। इसके अलावा आगामी नवरात्रि, दशहरा, दीपावली जैसे त्योहारों में व्यापारिक दबाव और लंबी कार्य अवधि के चलते सीए और कर पेशेवरों के लिए रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट समय पर जमा करना मुश्किल हो गया है।
चैम्बर ने मांग की थी कि कर निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि और कर लेखा परीक्षा रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख बढ़ाई जाए। इससे न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी बल्कि कर प्रशासन को भी सटीक और समयबद्ध रिटर्न प्राप्त होंगे। बावजूद इसके, अभी तक वित्त मंत्रालय से इस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं आया है। इसके बाद सभी 15 सितंबर को अंतिम तारीख मानकर दिन-रात काम में जुटे हुए थे, लेकिन आज रविवार को साइट के न चलने से सभी बैठे रहने को मजबूर हो गये हैं।
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