Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा । इसे संयोग ही कहा जाएगा कि इस समय मथुरा की एक बेटी मुम्बई से राज्यसभा सदस्य है और मुम्बई निवासी एक वोटर मथुरा से लोकसभा सदस्य है। ऐसा संयोग राजनीति में कम ही दिखाई देता हैं। मुम्बई महाराष्ट्र की हेमा मालिनी लगातार दो बार मथुरा से लोकसभा चुनाव जीत कर संसद सदस्य हैं। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के टिकट पर जीत मिली थी, जबकि मथुरा की बेटी प्रियंका चतुर्वेदी ने मुम्बई से शिव सेना के टिकट पर राज्यसभा सदस्य के रूप में हाल ही में शपथ ली है।
प्रियंका राज्यसभा सदस्य होने के साथ ही शिवसेना की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं
प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता के रूप में लम्बे समय तक अपनी पहचान बना चुकी हैं। वह भाजपा के प्रवक्ताओं के साथ तीख बहस के लिए टीवी पर लोगों के बीच मशहूर रही हैं। वर्तमान में प्रियंका राज्यसभा सदस्य होने के साथ ही शिवसेना की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। महाराष्ट्र में शिव सेना तीन प्रमुख दलों के गठबंधन से सरकार चला रही है। ऐसे में वह पार्टी की नीतियों पर संसद में और जनता के सामने बेबाकी से अपनी पार्टी की राय रखने में सफल होंगी।
प्रियंका चतुर्वेदी मूलरूप से मथुरा के छत्ता बाजार की निवासी हैं
प्रियंका चतुर्वेदी मूलरूप से मथुरा के छत्ता बाजार निवासी पुरूषोत्तम चतुर्वेदी की बेटी हैं। पुरूषोत्तम चतुर्वेदी इस समय मुम्बई में प्रसिद्ध सीए हैं। मथुरा के चौबे समाज से प्रियंका चतुर्वेदी दूसरी ऐसी हस्ती हैं जो किसी सदन में पहुंची हैं। इससे पहले रामबाबू चतुर्वेदी जो अपने नाम के आगे मिश्रा लिखते थे मथुरा वृंदावन विधान सभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये थे। रामबाबू मिश्रा दिल्ली में पत्रकार थे वहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। तत्कालीन बाजरा काण्ड के आरोप से वह जीवन भर उबर नहीं पाये थे।
प्रियंका चतुर्वेदी का कांग्रेस से शिवसेना में जाने के पीछे भी मथुरा की घटना जिम्मेदार
कांग्रेस में बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभार रहीं प्रियंका चतुर्वेदी के कांग्रेस से शिव सेना में जाने के पीछे भी मथुरा में हुए एक घटना को जिम्मेदार माना जाता रहा है। वह पार्टी स्तर के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेनें के लिए प्रियंका चतुर्वेदी मथुरा में आईं थीं। यहां कार्यक्रम के दौरान पार्टी की आपसी गुटबाजी के चलते कुछ लोगों ने उनका विरोध किया था। इस मामले ने तूल पकडा और पार्टी से कई लोगों को निकाल दिया गया। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले इन लोगों को पार्टी में वापस ले लिया गया था, जिसका प्रियंका चतुर्वेदी ने विरोध भी किया था। उनके विरोध के बावजूद पार्टी में मथुरा के कद्दावर नेता और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते उनकी वापसी नहीं हो सकी। इसके बाद बात आगे बढती गई और वह कांग्रेस छोड कर शिव सेना में चली गईं और आज राज्यसभा से सांसद हैं।
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