कोविड 19 महामारी से जूझ रहे प्रदेश के लोगों का साथ न देकर डिप्टी सीएम कॉन्वेंट स्कूलों की चिंता कर रहे हैं

BUSINESS REGIONAL साक्षात्कार

Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। छात्र अभिभावक कल्याण संघ की बैठक में बिना स्कूल खुले फीस मांगने व ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले विद्यालयों के खिलाफ द्वितीय चरण की लड़ाई की रूपरेखा तैयार की गई। ज्ञात हो कि संघ द्वारा प्रथम चरण में जनपद के पांचों विधायक व सांसद को फीस माफी हेतु ज्ञापन देकर प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने की अपील की गई थी।

उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के माध्यम से स्कूल नहीं तो फीस नहीं आंदोलन को गति दी जाएगी

जिसके सकारात्मक परिणाम के बाद द्वितीय चरण के आंदोलन के लिए तय किया गया कि शीघ्र ही कानूनी लड़ाई के तहत उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के माध्यम से स्कूल नहीं तो फीस नहीं आंदोलन को गति दी जाएगी इसके साथ ही जनपद की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों को ज्ञापन देकर साथ जोड़ा जाएगा व जनपद के सभी पार्टियों के पूर्व मंत्री पूर्व सांसद पूर्व विधायक पूर्व चेयरमैन व प्रमुख व्यक्तियों को इस आंदोलन में पत्र देकर अपने साथ जोड़ा जाएगा व प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने हेतु प्रदेश के सभी सांसदों विधायकों को संचार माध्यम से ज्ञापन देकर सरकार पर दबाव बनाने का भी आग्रह किया जाएगा।

कोविड 19 जैसी महामारी से जूझ रहे प्रदेश के लोगों के साथ शासन को राहत देनी चाहिए

सबसे बड़ा विषय यह है कि एक तरफ जनता व बच्चो के अभिभावकों के आगे रोजी रोटी के लिए कोविड 19 जैसी महामारी से जूझ रहे प्रदेश के लोगों के साथ शासन को राहत देनी चाहिए वहीं हमारे प्रदेश के डिप्टी सीएम, शिक्षा मंत्री, महोदय पता नहीं किस दबाव में है कि उनको सिर्फ प्रदेश के 6 लाख कॉन्वेंट की ही क्यों इतनी चिंता बनी हुई है। जबकि विचार करने योग्य बात यह है कि जितना ध्यान हमारी उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री जी कॉन्वेंट स्कूलों पर दे रहे हैं शायद इतनी हमदर्दी अपने प्रदेश के 1 लाख 69 हजार सरकारी स्कूलों पर ध्यान केंद्रित किया होता तो आज यह नोबात नहीं आती सबसे बड़ी बात यह है कि जो हमारे माध्यमिक विद्यालय हो या बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल हो उनमें जो टीचर्स है उनको हमारी सरकार सैलरी दे रही है। और उससे नुकसान सरकार का हो रहा है जो कारोडो रू महा फिजूल खर्च होता नजर आते है क्योंकि सरकारी स्कूलों की हालत को देख कर कोई अभिभावक सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कराने से कतराते है।

जब तक स्कूल नहीं तब तक कोई फीस नहीं

हमारी यह भी मांग है कि शिक्षा मंत्री जी फीस मुद्दे को लेकर साही निर्णय ले उनके लिए पहले अभिभावको की समस्या का समाधान करने व स्थिति को समझते हुए जब तक स्कूल नहीं तब तक कोई फीस नहीं। आवश्यकता अनुसार आक्रमक रणनीति के तहत धरना प्रदर्शन की भी रणनीति पर व्यापक चर्चा की गई बैठक में प्रमुख रूप से संघ के संस्थापक शशि भानु गर्ग हेमेंद्र गर्ग सुनील शर्मा जगत बहादुर अग्रवाल बृजमोहन सैनी पार्षद गजेंद्र सिंह विजय प्रकाश राजीव मित्तल अशोक  अंकुर बंसल चतुर्भुज गौतम ओम प्रकाश दिवाकर सुनील मित्रा संत कुमार शर्मा मुन्ना राजपूत कुलदीप सिंह राजू राजपूत नंदलाल सचिन अरोड़ा आदि उपस्थित थे।

Dr. Bhanu Pratap Singh