योगी कैबिनेट की बैठक में 15 प्रस्तावों पर लगी मुहर, यूपी को विकास की नई रफ्तार देने वाले फैसले

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लखनऊ। योगी कैबिनेट बैठक की आज लोकभवन हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। 16 में 15 प्रस्तावों पर मंत्री परिषद ने मुहर लगा दी है। लखनऊ-कानपुर में 20 रूटों पर ई-बसें चलेंगी। एक बस की कीमत 10 करोड़ होगी। इसका किराया सरकार तय करेगी। चारबाग से बाराबंकी, बालागंज से मोहनलालगंज जैसे इलाकों में बसें चलेंगी। आउटसोर्सिंग निगम को अनुमोदन दिया गया है।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि एक रूट पर एक ही बस चलेगी। आउटसोर्स निगम के गठन के लिए मंत्रिमंडल से अनुमोदन दिया गया है। नियमति पदों को लेकर आउटसोर्सिंग नहीं होगी। 16000 से 20000 तक मानदेय तय किया जाएगा। एजेंसी तीन साल के लिए चुनी जाएगी। हर माह खाते में वेतन मिलेगा। पहले यह रुपया सर्विस प्रोवाइडर के खाते में जाता था। इसमें आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है। मैटरनिटी लीव भी मिलेगी। यह बैठक प्रदेश के विकास और जनकल्याण को नई दिशा देने के लिए अहम रही।

योगी कैबिनेट की नई इलेक्ट्रॉनिक्स नीति को लागू किया गया है। आठ साल में मोबाइल बनाने वाले यूनिट की संख्या 300 हो गई है, जबकि पहले यह मात्र दो था। पूरे देश के मोबाइल हैंडसेट आधे से ज्यादा यूपी में बनते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट विनिर्माण नीति के तहत हाई वैल्यू कंपोनेंट अब यूपी में ही बनाए जाएंगे। डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा मॉड्यूल, इलेक्ट्रो मेकेनिकल मॉड्यूल, बैटरी सेल, मशीनें भी यहां बनेंगी।

निर्यात प्रोत्साहन नीति को 2025 से 2030 तक के लिए कैबिनेट ने अनुमोदित किया। स्वामी सुखदेवा नंद विश्वविद्यालय अब राजकीय विश्वविद्यालय हो जाएगा।

पारिवारिक बंटवारे में रजिस्ट्री पर छूट

सबसे चर्चित प्रस्तावों में से एक है परिवार के सदस्यों के बीच होने वाले संपत्ति बंटवारे के दस्तावेजों पर स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रीकरण शुल्क में छूट। इस कदम से आम लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी, खासकर उन परिवारों को जो संपत्ति के बंटवारे के लिए रजिस्ट्री करवाते हैं। इससे न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया सस्ती होगी, बल्कि पारिवारिक विवादों को सुलझाने में भी आसानी होगी।

औद्योगिक निवेश और रोजगार को बढ़ावा

उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत गठित High Level Empowered Committee (HLEC) की 6 जून और 15 मई को हुई बैठकों की सिफारिश पर अनुमोदन लिया जाएगा। ये प्रस्ताव प्रदेश में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को गति देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। साथ ही यूपी निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 को लागू करने का प्रस्ताव भी चर्चा में है। जो निर्यात को बढ़ावा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।

स्वास्थ्य और सौर ऊर्जा पर जोर

स्वास्थ्य के क्षेत्र में 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को PPP मॉडल के तहत 30 बेड की प्रथम संदर्भन इकाइयों के रूप में विकसित करने के लिए निविदा दस्तावेजों को मंजूरी दी जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। वहीं कृषि विभाग के प्रस्ताव में पीएम-कुसुम योजना के तहत 2024-25 के बचे हुए लक्ष्यों को 2025-26 में पूरा करने और 2025-26 से 2028-29 तक की कार्ययोजना को मंजूरी मिल सकती है। इस योजना से किसानों के खेतों पर सोलर पंप स्थापित होंगे, जिससे सिंचाई में मदद मिलेगी और ऊर्जा खर्च कम होगा।

ई-बस और इलेक्ट्रॉनिक्स नीति

नगर विकास विभाग कानपुर और लखनऊ में ई-बसों को चलाने के लिए नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (NCC) मॉडल को मंजूरी मिल सकती है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और शहरी यातायात को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 को लागू करने का प्रस्ताव भी चर्चा में है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगा।

बैठक में यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन, स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना और विधि आयोग की सेवा शर्तों को केंद्रीय आयोग के समकक्ष करने जैसे प्रस्ताव भी शामिल हैं। ये फैसले प्रदेश के प्रशासनिक, शैक्षिक और कानूनी ढांचे को मजबूत करेंगे।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh