ब्रज में कान्हा के जन्म की प्रतीक्षा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

REGIONAL

मथुरा। ब्रज का कोना-कोना आज उत्सव और आस्था में डूबा हुआ नजर आया। अब से लगभग तीन घंटे के बाद कान्हा प्रकट होंगे। रंग-बिरंगी रोशनी से श्रीकृष्ण जन्म स्थान और आसपास के मंदिर जगमगा रहे थे। श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभूति का अनुभव हो रहा था। हर ओर एक ही स्वर सुनाई दे रहा था- आया रे आया, देखो आया जन्म दिन कान्हा का..। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ ही मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, बलदेव सभी तीर्थस्थलों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

सुबह से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के कदम श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर बढ़ने लगे थे। हर श्रद्धालु नंद के आनंद भयै जय कंहैया लाल गाते हुए मस्ती में झूमते हुए आगे बढ़ रहा था। सूर्यास्त के साथ ही विद्युत की रंग-बिरंगी रोशनी से मंदिर का हर कोना झिलमिला उठा। घड़ी की सुइयां जैसे-जैसे 12 बजे की ओर बढ़ रही थीं, और भीड़ का सैलाब लगातार बढ़ता चला जा रहा था।

मध्यरात्रि को कान्हा के जन्म के समय पंचामृत अभिषेक और महाआरती का आयोजन होगा। उसी समय मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालु झूम उठेंगे और ढोल-नगाड़े की थाप पूरे ब्रज में गूंज उठेगी। इस पावन अवसर का प्रसारण सभी प्रमुख टीवी चैनलों पर किया जाएगा। जन्मस्थान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, और ड्रोन निगरानी से भीड़ पर नजर रखी जा रही है।

ब्रज के घर-घर में जन्मोत्सव की तैयारियां सुबह से ही जोरों पर थीं। महिलाएं रात्रि के लिए विशेष पकवान बना रही थीं। मंदिरों में तोरण द्वार सजाए गए। जन्म के समय लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक होगा, नई पोशाक धारण कराई जाएगी और भोग अर्पित किया जाएगा।

मध्यरात्रि से पहले ही ठाकुर राधारमण मंदिर में पंचामृत अभिषेक और आरती के दर्शन हुए। धक्का-मुक्की के बीच श्रद्धालु ठाकुरजी की झलक पाने के लिए उतावले दिखाई दिए। शाहजी मंदिर में भी पूर्वाह्न में आरती का उत्सव हुआ।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती मध्यरात्रि 1.50 बजे होगी। इस समय केवल पांच सौ श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी, इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के गेट खोले जाएंगे। साल में केवल एक बार होने वाली इस मंगला आरती के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। अगले दिन सुबह मंदिर में नंदोत्सव आयोजित होगा।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने जन्मस्थान के आसपास वाहनों का मार्ग परिवर्तित कर दिया। मसानी चौराहा, भरतपुर गेट, भूतेश्वर तिराहा और पोतराकुंड के आसपास से कोई वाहन जन्मस्थान की ओर नहीं जा सका। अन्य मार्गों से वाहनों को डायवर्जन किया गया।

समाजसेवी संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए भंडारे आयोजित किए। दोपहर से आधी रात तक फलाहारी भोजन, सब्जी-पूड़ी और पानी-शर्बत वितरित किया गया। समाजसेवकों का उद्देश्य था कि ब्रज में आने वाला कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।

सिटी बस सेवा मथुरा तक न चलने के कारण यात्री पैदल यात्रा करने को मजबूर हुए। पुलिस की बेरिकेडिंग के चलते श्रद्धालुओं को रास्ते में रोकना पड़ा। मथुरा-वृंदावन मार्ग पर श्रद्धालु कतारबद्ध होकर चलते दिखाई दिए।

एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि जन्मस्थान, द्वारिकाधीश और वृंदावन के लिए अलग-अलग सुरक्षा योजनाएं बनाई गईं। क्षेत्र को जोन और सेक्टरों में बांटा गया और हर जगह पुलिस सतर्क रही।

Dr. Bhanu Pratap Singh