मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी 57 पैसे तक का गबन नहीं किया: किरीट सोमैया

मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी 57 पैसे तक का गबन नहीं किया: किरीट सोमैया

POLITICS


महाराष्ट्र में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने सेवा से बाहर कर दिए विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के संरक्षण के नाम पर 57 करोड़ रुपये का गबन करने के शिवसेना सांसद संजय राउत के आरोप को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी 57 पैसे तक का गबन नहीं किया है।
पूर्व सांसद दक्षिण मुंबई में आर्थिक अपराध इकाई (ईओडब्ल्यू) के दफ्तर के बाहर पत्रकारों से मुखातिब थे, जहां वह लगातार दूसरे दिन धोखाधड़ी मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए सुबह 11 बजे पहुंचे थे।
ईओडल्ब्यू के अधिकारियों ने तीन घंटे तक की थी पूछताछ
सोमैया ने कहा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना नेता संजय राउत के जरिए सेवा से बाहर हो चुके नौसेना पोत विक्रांत के संरक्षण के नाम पर 57 करोड़ रुपये का गबन करने का मुझ पर आरोप लगाया है। मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में 57 पैसे तक का गबन या अवैध तौर पर दुरुपयोग नहीं किया है, लेकिन अब मुझ पर शिवसेना झूठा आरोप लगा रही है। ईओडल्ब्यू के अधिकारियों ने आईएनएस विक्रांत कोष गबन मामले में सोमैया से सोमवार को तीन घंटे तक पूछताछ की थी। जांच के बारे में बात करते हुए सोमैया ने कहा, मैंने ‘सेव विक्रांत’ पहल के तहत जमा किए गए कोष से जुड़ी जानकारी संबंधित अधिकारी को दे दी है। जानकारी पहले ही सार्वजनिक है, लेकिन जांच के हिस्से के तौर पर मैंने इसे उनके सामने पेश किया।
संजय राउत किस आधार पर 57 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंचे हैं: सोमैया
एक पूर्व सैनिक की शिकायत पर ट्रॉम्बे पुलिस ने आईएनएस विक्रांत को कबाड़ में जाने से बचाने और उसे संग्रहालय में बदलने के लिए क्राउडफंडिंग (लोगों से पैसा जमा करना) के माध्यम से एकत्र किए गए लगभग 57 करोड़ रुपये कथित रूप से गबन करने के लिए सात अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की थी। बंबई उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को किरीट सोमैया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दे दिया था और उनसे 18 अप्रैल से चार दिन तक सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे के बीच मामले में जांच अधिकारी को रिपोर्ट करने को कहा था।
सोमैया ने कहा, अदालत में सुनवाई के दौरान सामने आया वास्तविक सवाल यह है कि संजय राउत किस आधार पर 57 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंचे हैं। उनके पास 57 करोड़ रुपये का आंकड़ा देने के लिए कौन सी सूचना है? उन्हें अदालत के सामने यह बताना होगा।
-एजेंसियां