मैं गुजरात के लोगों से माफ़ी मांगता हूँ कि मैंने कांग्रेस के लिए वोट मांगा: हार्दिक

मैं गुजरात के लोगों से माफ़ी मांगता हूँ कि मैंने कांग्रेस के लिए वोट मांगा: हार्दिक

POLITICS


एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले हार्दिक पटेल ने कहा है कि वे अभी बीजेपी में नहीं हैं और उन्होंने अभी कोई फ़ैसला भी नहीं किया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने फिर कांग्रेस पर कई सवाल उठाए. हार्दिक पटेल ने कहा कि राम मंदिर, अनुच्छेद 370, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद जैसे बड़े मुद्दे हैं और कांग्रेस क्यों इन मुद्दों पर ख़ामोश है? अगर एक पार्टी ऐसे ही चलेगी, तो वे कभी गुजरात में सत्ता में नहीं आएँगे.
उन्होंने पाटीदारों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2015 और 2017 में पाटीदारों का इस्तेमाल किया और 2022 में भी पार्टी ऐसा ही करना चाहती है. हार्दिक पटेल ने कहा, मैं गुजरात के लोगों से माफ़ी मांगता हूँ कि मैंने 2017 में ऐसी पार्टी के लिए वोट मांगा. गुजरात में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल ने बुधवार को पार्टी और पद दोनों से इस्तीफ़ा दे दिया था. पिछले कुछ दिनों से हार्दिक पटेल ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर खुलकर असंतोष व्यक्त किया था. अपने त्यागपत्र में हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पर कई आरोप लगाए हैं और नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ विरोध की राजनीति तक सिमट कर रह गई है जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं एक ऐसा विकल्प चाहिए, जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो.
हार्दिक पटेल ने लिखा है कि कांग्रेस का नेतृत्व जनता के सामने एक बेसिक रोडमैप तक नहीं पेश कर सका. उन्होंने आगे लिखा है- कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है. जब भी देश में संकट था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज़्यादा आवश्यकता थी, तो हमारे नेता विदेश में थे. शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है, जैसे गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफ़रत हो. इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि ये उनकी मंशा है बहुत लोग पार्टी छोड़ते हैं और बहुत लोग पार्टी ज्वाइन करते हैं. उन्होंने गुजरात के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा- गुजरात के बड़े नेता तो जनता के मुद्दों से दूर इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए हुए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं.
-एजेंसियां